Chhindwara News : जुन्नारदेव क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। मंगलवार को राजस्व विभाग की टीम ने इस मुद्दे पर कार्रवाई करते हुए तीन ट्रैक्टर पकड़े, जो बिना अनुमति के रेत का परिवहन कर रहे थे। इस मामले में तहसीलदार ने जुन्नारदेव थाने में तीनों ट्रैक्टरों के खिलाफ लिखित आवेदन दिया है।
राजस्व विभाग की टीम को कट्टा नदी क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन की सूचना मिली थी। इसके बाद, टीम ने मौके पर पहुंचकर दबिश दी और दो ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त की। इसके साथ ही, मुख्य मार्ग पर अवैध रेत परिवहन कर रहे एक और ट्रैक्टर को पकड़ा। जब इन ट्रैक्टरों को कोटवारों की मदद से पुलिस अभिरक्षा में ले जाया जा रहा था, तब माफिया के कुछ लोगों ने कोटवार को धक्का देकर एक ट्रैक्टर छुड़ाने में सफलता पा ली। इस घटना से प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस घटना के बाद तहसीलदार राजीव नेमा ने मामले को गंभीरता से लिया और तीनों ट्रैक्टरों के खिलाफ थाने में आवेदन दर्ज करवाया। जब्त किए गए ट्रैक्टरों की नंबर प्लेटें गायब थीं, जिससे इन ट्रैक्टरों के मालिकों की पहचान में समस्या आ रही है। तहसीलदार ने अधिकारियों से इन ट्रैक्टरों के मालिकों का पता लगाने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
अवैध रेत माफिया का कारोबार जुन्नारदेव क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है। माफिया के लोग खुलेआम रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं, जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है। रेत के अवैध उत्खनन से नदी-नालों में जल स्तर घट रहा है और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है।
प्रशासन समय-समय पर इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई करता रहा है, लेकिन माफिया के प्रभाव और उनके साथ मिलीभगत के कारण यह कारोबार पूरी तरह से नहीं रुक पा रहा है। पुलिस और प्रशासन के लिए इस माफिया को पूरी तरह से खत्म करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है। तहसीलदार द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर पुलिस कार्रवाई को और तेज कर सकती है। अगर पुलिस सख्त कदम उठाती है, तो यह अवैध रेत कारोबार पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से इस मामले में सख्ती बरतने की मांग की है।
यह मामला न केवल जुन्नारदेव क्षेत्र की सुरक्षा और पर्यावरण के लिए गंभीर है, बल्कि यह सरकार के राजस्व के नुकसान का भी कारण बन रहा है। प्रशासन को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि इस अवैध रेत कारोबार पर लगाम लगाई जा सके। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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