Singrauli News : सिंगरौली जिले के माड़ा तहसील में एक महिला के पिता को लावल्द घोषित किए जाने का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला भूमि विवाद से जुड़ा हुआ है और तहसीलदार की तरफ से किए गए एक विवादास्पद आदेश पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बता दे की दुर्गा प्रसाद जायसवाल के इकलौते संतान रूदाप्रसाद जिनकी इकलौती संतान बेटी सुकवरिया थी,जो जिसकी शादी अड्या प्रसाद से ग्राम धनहरा में हुई थी. बता दे कि किसी कारणवश सुकवरिया की कोई संताने नहीं हुई,जिसके बाद सुकवरिया ने अपने पति अड्या प्रसाद की शादी कमला देवी से करवाई से तीन संताने हुए, पहला पुत्र लाल बाबू जायसवाल, दूसरी पुत्री रेनू तीसरी पुत्री संगीता हुई,जहा कुछ दिनों बाद अड्या प्रसाद की मृत्यु हो गई. इसके बाद कमला देवी लाल बाबू एवं संगीता को लेकर अपने मायका (ग्राम सेवकाड़ाड़ तहसील दुद्धी जिला सोनभद्र उत्तर प्रदेश) मे रहने लगी और पुत्री रेनू सुकवरिया के पास रहकर सेवा सत्कार कर रही थी. इसके वावजूद भी धनहारा सुकवरिया की पूरी सम्पति को पति बुआ के बच्चों के नाम कर दिया गया.
प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब राम लल्लू जायसवाल, निवासी ग्राम पडरीखुटा टोला, तहसील माड़ा ने भारतीय भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 और 110 के तहत एक आवेदन प्रस्तुत किया था। उनका आवेदन यह था कि मृतक सुकवरिया के भूमि का वारिसाना नामांतरण उनके और उनके परिवार के नाम पर किया जाए। सुकवरिया की मृत्यु के बाद, राम लल्लू और उनके परिवार ने यह दावा किया कि वे मृतक के निकटतम वारिस हैं और उनके नाम पर भूमि का नामांतरण किया जाना चाहिए।
इस मामले में आवेदन के साथ कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे, जैसे कि सुकवरिया का मृत्यु प्रमाणपत्र और खानदानी सजरा प्रमाण पत्र। हल्का पटवारी द्वारा की गई जांच में यह भी पाया गया कि सुकवरिया के परिवार के कुछ सदस्य पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो चुके थे और उनके वारिसों के नाम पर भी आवेदन किए गए थे।
हालांकि, तहसीलदार ने मामले की सुनवाई करते हुए सुकवरिया के पिता, रूदाप्रसाद की मृत्यु को लावल्द घोषित कर दिया। इसके बाद एक नया मोड़ तब आया जब यह सवाल उठने लगा कि यदि रूदाप्रसाद लावल्द थे, तो फिर सुकवरिया जो रूदाप्रसाद की बेटी थी वह कहा से आई. लेकिन हल्का पटवारी धनहारा ने ने सुकवरिया के पिता को ही लावल्द घोषित कर दिया। अब सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी चूक एक सक्षम अधिकारी कैसे कर सकता है ?
कौन थी सुकवरिया
बता दे की दुर्गा प्रसाद जायसवाल के इकलौते संतान रूदाप्रसाद जिनकी इकलौती संतान बेटी सुकवरिया थी,जो जिसकी शादी अड्या प्रसाद से ग्राम धनहरा में हुई थी. बता दे कि किसी कारणवश सुकवरिया की कोई संताने नहीं हुई,जिसके बाद सुकवरिया ने अपने पति अड्या प्रसाद की शादी कमला देवी से करवाई से तीन संताने हुए, पहला पुत्र लाल बाबू जायसवाल, दूसरी पुत्री रेनू तीसरी पुत्री संगीता हुई,जहा कुछ दिनों बाद अड्या प्रसाद की मृत्यु हो गई. इसके बाद कमला देवी लाल बाबू एवं संगीता को लेकर अपने मायका (ग्राम सेवकाड़ाड़ तहसील दुद्धी जिला सोनभद्र उत्तर प्रदेश) मे रहने लगी और पुत्री रेनू सुकवरिया के पास रहकर सेवा सत्कार कर रही थी.
Singrauli News : जमीनी विवादों के निराकरण के लिए तहसील कार्यालयों में आयोजित हुई जनसुनवाई