Mauni Amavasya 2025: हिंदू सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों का ही महत्व है। इन तिथियों पर लोग अनुष्ठान करते हैं और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करते हैं। वैसे तो मौनी अमावस्या हर बार पौष माह में आती है, लेकिन इस बार महाकुंभ 2025 चल रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। यह तिथि पितरों को याद करने की भी है। आइए विस्तार से जानते हैं.
लखनऊ के सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के डाॅ. उमा शंकर मिश्र ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन विधि-विधान से पूजा करने से आत्मा की शुद्धि होती है और यदि पितरों की याद में तर्पण और दान किया जाए तो उनका आशीर्वाद भी मिलता है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां उदया तिथि को ध्यान में रखकर व्रत किया जाता है इसलिए इस बार मौनी अमावस्या 2025 29 जनवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
पितरों का किया जाता है तर्पण
ज्योतिष डाॅ. उमा शंकर मिश्र के मुताबिक मौनी अमावस्या 2025 के दिन पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले व्रत और पूजा करनी चाहिए. उसके बाद अगली विधि करनी चाहिए.
Mauni Amavasya 2025 शुभ मुहूर्त
डॉ। उमा शंकर मिश्र ने बताया कि मौनी अमावस्या 2025 मंगलवार 28 जनवरी को शाम 7:35 बजे शुरू होगी और बुधवार 29 जनवरी को शाम 6:55 बजे तक रहेगी। इस वजह से व्रत और पूजन बुधवार को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद मंत्रों का जाप करें.
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