Singrauli News : महिलाओं के जीवन में जहर घोलने वाले डीपीओ का एक नया कारनामा सामने आया है। अब डीपीओ ने आंगनबाड़ियों के लिए खरीदे जाने वाले बर्तन में घोटाला करने की चर्चा हैं। आरोप हैं कि महिला बाल विकास विभाग ने बर्तन सप्लायरों के साथ सांठगांठ कर 4 करोड़ 98 लाख सरकारी पैसों का बंदर बांट कर लिया। इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी कोई जानकारी नहीं की बात कह रहे हैं। तो वहीं डीपीओ राजेश राम गुप्ता को फोन लगा कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने पूर्व की तरह फोन नहीं उठाया।
गौरतलब है कि जिले की 1500 आंगनबाड़ियों के लिए 3100 नग जग, 6200 सर्विंग स्पून (करछी) और 46500 स्पून 4 करोड़ 98 लाख 88 हजार 300 रुपए में खरीदे गए। सूत्रों की माने तो तीनों ही सामग्री अनब्रांडेड है जो सामान्यतः 250-300 रुपए कीमत की होती हैं, लेकिन सप्लायर ने एक चम्मच 810, सर्विंग चम्मच 1348 और जग 1247 रुपए में दिया। जबकि थोक में दाम कम हो जाते हैं, लेकिन अफसर सप्लायर की मिलीभगत ने बच्चों के हक में ढाका डाला है। बताया जा रहा है कि तीनों सामग्री की खरीदी के लिए टेंडर ही नवीन सोनी की फर्म जय माता दी ट्रेडर्स छत्तीसगढ़ के लिए बनाया गया था। अन्य कंपनियां टेंडर में क्वालिफाई ही नहीं हो पाई और टेंडर जय माता दी ट्रेडर्स को मिल गया। वहीं वर्क ऑर्डर जय माता दी ट्रेडर्स के नाम जारी हुआ, लेकिन सप्लाय रीतेश मेहता द्वारा की जा रही है।
डीपीओ और ठेकेदार मंत्री की देते हैं धौंस
महिला बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गुप्ता और सप्लायर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने मीडिया से दूरी बना लिए हैं। वहीं भोपाल स्तर के मंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों का नाम लेकर अपनी हनक दिखाकर मामले को शांत करने में लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ राजेश राम गुप्ता भोपाल पहुंच गए हैं और इस मामले को मैनेज करने में लग गए हैं।
इन सामग्रियों की हुई खरीदी
महिला बाल विकास विभाग द्वारा बर्तन खरीदी में भ्रष्टाचार किया गया है। विभागीय सूत्रों की माने तो विभाग में हुए घोटाले की ख़बर डीपीओ के अलावा उनका निजी कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष विश्वकर्मा के अलावा किसी को नहीं है। खरीदी गई सामग्री में 52700 चम्मच 4 करोड़ 60 लाख 22 हजार 600 रुपए में और 3100 जग 38 लाख 65 हजार 700 रुपए में खरीदे गए।
शर्तें को दरकिनार कर की गई खरीदी
चर्चा है कि टेंडर सिर्फ जग, चम्मच और राइस स्पून यानी करछी के लिए किया गया, जबकि टेंडर में 7 आइटम लिखा हुआ हैं, लेकिन सिर्फ 3 ही आइटम के रेट सामने आए हैं। तीनों आइटम रिटेल बाजार से 15 गुना अधिक पर खरीदे गए। जेम पोर्टल से खरीदी में सैंपल लेने कोई नियम नहीं था लेकिन चाहते फर्म को काम देने के लिए दो दिन पहले सैंपल बुलाने की शर्तें जोड़ी गई।
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