Bhopal News : आज भोपाल के इंडियन कॉफी हाउस में पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में भोपाल शहर के पर्यावरण से संबंधित गंभीर मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर में हो रही पर्यावरण विरोधी गतिविधियों पर विचार करना था, जिसमें मुख्य रूप से कैचमेंट एरिया में हो रहे निर्माण और प्रोफेसर कॉलोनी में कलेक्ट्रेट ऑफिस की स्थापना को लेकर चिंता जताई गई।
बैठक में विभिन्न पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट हुए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी आवाज उठाने का संकल्प लिया। बैठक में यह फैसला लिया गया कि आने वाले दिनों में इन मुद्दों को लेकर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। खासकर, कैचमेंट एरिया में हो रहे अवैध निर्माण और प्रोफेसर कॉलोनी में कलेक्ट्रेट ऑफिस की स्थापना को रोकने के लिए प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की जाएगी।
बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, इस आंदोलन की शुरुआत एक आवेदन पत्र के माध्यम से की जाएगी। यह आवेदन पत्र प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली तक भेजा जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में कई प्रमुख लोग शामिल हुए। इनमें पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पार्षद मोहम्मद सरवर, डॉ. राजीव जैन, त्रिभुवन मिश्रा, राजकुमार श्रीवास्तव, रशीद नूर खान, प्रभाष जेटली, धीरेन्द्र, हर्षवर्धन तिवारी, प्रेमशंकर सिंह, के आर पठान और अभय राजन सक्सेना जैसे महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दी और पर्यावरण की रक्षा के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
बैठक में सबसे ज्यादा ध्यान कैचमेंट एरिया और कलेक्ट्रेट ऑफिस पर केंद्रित रहा। कैचमेंट एरिया, वह क्षेत्र है जहां बारिश का पानी इकट्ठा होता है और यह जल स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इस क्षेत्र में कोई भी अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे पानी की आवक भी प्रभावित हो सकती है।
प्रोफेसर कॉलोनी में कलेक्ट्रेट ऑफिस की स्थापना पर भी चिंता व्यक्त की गई। यह इलाका पहले से ही घनी आबादी और ट्रैफिक से प्रभावित है। इस क्षेत्र में कलेक्ट्रेट ऑफिस की स्थापना से वहां की पर्यावरणीय स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसके अलावा, यह क्षेत्र पहले से ही जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। कार्यकर्ताओं ने इस कलेक्ट्रेट ऑफिस की स्थापना को पर्यावरण के लिए खतरे के रूप में देखा है।
सभी कार्यकर्ताओं का मानना है कि भोपाल के विकास के नाम पर पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। शहर में हो रहे अंधाधुंध निर्माण कार्यों और अनियंत्रित विकास योजनाओं से पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस दिशा में कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पर्यावरण के लिए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। इसके लिए शैक्षिक संस्थानों, नागरिकों और स्थानीय निकायों से मिलकर अभियान चलाने की योजना बनाई गई। सभी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने का भी संकल्प लिया।
पर्यावरणविदों ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता है, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि यह भोपाल शहर के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और अगर अब भी नहीं जागरूक हुए, तो आने वाले दिनों में यह शहर पर्यावरणीय संकट का सामना कर सकता है।
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