भोपाल : 10 फरवरी 2024 को ‘कृषि क्रांति : एफपीओ कॉन्क्लेव’ का आयोजन भोपाल में हुआ। इस कॉन्क्लेव में राज्य सरकार के मंत्री, अधिकारी, विशेषज्ञ, निर्यातक, क्रेता और तकनीकी प्रदाता एकत्र हुए। इस आयोजन का उद्देश्य एफपीओ (कृषि उत्पादक संगठन) को खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात योग्य उत्पाद तैयार करने के लिए सक्षम बनाना था। यह कॉन्क्लेव भूमिशा ऑर्गेनिक, डिक्की और सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा आयोजित किया गया था।
सहकारिता और तकनीक से होगा किसानों का उत्थान
सहकारिता, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री श्री विश्वास सारंग ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होगा।” उन्होंने किसानों को तकनीकी अपनाने के लिए प्रेरित किया ताकि उनकी आय और उत्पादन में वृद्धि हो सके। उन्होंने सहकारिता की अहमियत पर भी जोर दिया और कहा, “बिना सहकार नहीं उद्धार, बिना संस्कार नहीं सहकार।” उन्होंने जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
खाद्य प्रसंस्करण से किसानों की आत्मनिर्भरता
उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा, “एफपीओ और खाद्य प्रसंस्करण को मजबूत बनाना किसानों की आत्मनिर्भरता की कुंजी है।” उन्होंने फसल विविधीकरण और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने की बात की। साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही एक विशाल फूड प्रोसेसिंग सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें किसानों, उद्यमियों और विक्रेताओं को एक मंच पर लाया जाएगा।
मार्केट लिंकेज से एफपीओ और स्टार्टअप्स को मिलेगा नया आयाम
कृषिका नेचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक प्रतिभा तिवारी ने कहा कि इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य किसानों, एफपीओ और एग्री-स्टार्टअप्स को मार्केट लिंकेज से जोड़ना है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम कृषि नवाचार, मूल्य संवर्धन और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
एफपीओ के विकास में योगदान
डिक्की संस्था मध्यप्रदेश में संतरा, मोरिंगा, हल्दी और केसर आम के क्लस्टर बनाकर किसानों को संगठित तरीके से बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी। डिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनिल सिरवैया ने कहा, “एफपीओ, एफपीसी, सहकारी संस्थाओं और वित्तीय विभागों को एक मंच पर लाकर कृषि उद्योगों के लिए सुगम मार्ग बनाना आवश्यक है।”
कृषि रत्न सम्मान और सहयोग
कॉन्क्लेव के अंतर्गत 8 एफपीओ और 2 किसानों को ‘कृषि रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इन किसानों का सम्मान पत्र बांस से तैयार किया गया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NSDC) द्वारा PMFME योजना के अंतर्गत 2 एफपीओ को 28.5 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई, जिसकी पहली किश्त सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग और NSDC की क्षेत्रीय निदेशक इंद्रजीत कौर ने प्रदान की।
विशेषज्ञों के विचार
इस कार्यक्रम में सॉलिडरिडाड के जनरल मैनेजर सुरेश मोटवानी, एसबीआई के एजीएम श्री शशांक कुमार, एमपी स्टार्टअप सेंटर के श्री अरुणाभ दुबे, एएनजीसी की डायरेक्टर जयश्री नायर और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इन विशेषज्ञों ने एफपीओ को बेहतर कार्य करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया।
बायर-सेलर मीट और एक्सपोर्ट के अवसर
एपीडा के रीजनल बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर ने एफपीओ को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश के लिए गुणवत्ता और नियमों की जानकारी देने की आवश्यकता बताई। एसबीआई के एजीएम ने एफपीओ को विशेष वित्तीय योजनाओं के बारे में बताया। जैन इरीगेशन के स्टेट हेड ने एफपीओ को हाईटेक टेक्नोलॉजी अपनाने की सलाह दी। बायर-सेलर मीट में निर्यातकों ने फ्रेश वेजिटेबल्स, फूड पाउडर, मोरिंगा, जैविक उत्पाद, दालें और चावल की अंतरराष्ट्रीय मांग के बारे में जानकारी दी।
नवीन युग की शुरुआत
‘कृषि क्रांति : एफपीओ कॉन्क्लेव’ ने किसानों, एफपीओ और एग्री-स्टार्टअप्स के लिए एक नए युग की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. राजीव जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।