हरियाणा के एक श्रद्धालु भक्त, कमल आर्य ने गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा शुरू की है। कमल आर्य ने अपनी यात्रा 51 लीटर की कावड़ लेकर हरिद्वार से उज्जैन के लिए प्रारंभ की है। उनकी यह यात्रा कुल 1100 किलोमीटर लंबी है। इस यात्रा का उद्देश्य सरकार से गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलवाना है।
कमल आर्य का संकल्प है कि वह गौ माता के सम्मान में देशभर में जागरूकता फैलाएंगे और माननीय प्रधानमंत्री जी तथा मुख्यमंत्री जी से आग्रह करेंगे कि गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित किया जाए। यह यात्रा शिवरात्रि के दिन उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के दरबार में जाकर समाप्त होगी। वह राजा महाकाल से गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने की प्रार्थना करेंगे।
गौ माता के प्रति आस्था और संकल्प
कमल आर्य ने अपनी यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से की और रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं और समाज के लोगों से मिलने का सिलसिला जारी है। वह गौ माता की सेवा को जीवन का मुख्य उद्देश्य मानते हैं। कमल आर्य का कहना है, “गौ माता हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर हैं। हमें उन्हें वही सम्मान देना चाहिए, जो एक मां को मिलता है। इसलिए मैंने यह संकल्प लिया कि गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलवाने के लिए मैं यह यात्रा करूंगा।”
उनकी यह यात्रा हरियाणा से शुरू होकर मध्य प्रदेश के पचोर नगर पहुंची, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। पचोर नगर में प्रवेश करते ही उन्हें शीतला माता गो सेवा समिति और समस्त हिंदू समाज के लोगों ने फूलों की वर्षा के साथ अभिनंदन किया।
गौ सेवा और धार्मिक आस्था
कमल आर्य ने अपनी यात्रा की शुरुआत के बारे में बताया, “गौ माता के प्रति मेरी आस्था बहुत गहरी है। बचपन से ही मैंने गौ सेवा की है और इस दिशा में कार्य करने का अवसर मिला। अब मैं चाहता हूं कि सरकार गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दे ताकि उनकी अहमियत हर जगह समझी जाए।”
कमल आर्य का मानना है कि गौ माता की पूजा और सेवा से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। उनका यह भी कहना है कि अगर गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा मिलेगा तो इससे देशभर में गौ-पालन और गौ-सेवा के प्रति लोगों की सोच में परिवर्तन होगा।
पचोर नगर में भव्य स्वागत
पचोर नगर में कमल आर्य का भव्य स्वागत हुआ। शीतला माता गो सेवा समिति और हिंदू समाज के कार्यकर्ताओं ने उनका दिल से अभिनंदन किया और उन्हें यात्रा में सफलता की कामना की। पचोर नगर के लोगों ने उनकी यात्रा को सराहा और गौ माता के प्रति उनके संकल्प को समर्थन दिया।
समाज के वरिष्ठ नेताओं और धर्मगुरुओं ने कमल आर्य की यात्रा को एक प्रेरणा बताया और कहा कि यह कदम समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
केंद्र सरकार से आग्रह
कमल आर्य ने अपनी यात्रा के दौरान कई जगहों पर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी इस मांग पर ध्यान देगी। वह मानते हैं कि गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलवाना देश की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने जैसा होगा। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से विशेष अपील की है।
कमल आर्य का यह संकल्प और यात्रा यह संदेश देती है कि गौ माता के प्रति श्रद्धा और सम्मान हमारे समाज में जीवित रहना चाहिए। उनकी यह यात्रा एक धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
शिवरात्रि पर महाकाल के दरबार में पहुंचेंगे
कमल आर्य का यह संकल्प है कि वह शिवरात्रि के दिन उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के मंदिर में जाकर अपना संकल्प पूरा करेंगे। वह वहां राजा महाकाल से गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलवाने की प्रार्थना करेंगे।
उनकी यह यात्रा केवल एक व्यक्ति की यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है जो गौ माता के सम्मान के लिए पूरे देश में गूंजेगा। उनके इस कदम से गौ सेवा और संस्कृति के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी।