Singrauli News : बंगाल की खाड़ी में बना तीव्र निम्र दाब के सिस्टम का असर ऊर्जाधानी में व्यापक रूप से असर दिखा है। पिछले 16 घंटे के अधिक समय से हो रही लगातार बारिश एवं तेज हवाओं के झटके ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। वही जिले के सोन-गोपद सहित अन्य सहायक नदियां व नाले उफान पर हैं। बारिश से पिछले 27 वर्षो का रिकॉड टूट गया है।
दरअसल बंगाल की खाड़ी में बने तीव्र दाब के चलते पिछले दिन सोमवार की शाम से ही ऊर्जाधानी में बारिश जोर पकड़ लिया। बैढ़न समेत आसपास के क्षेत्रों में बीते दिन सोमवार की शाम से चितरंगी, देवसर, माड़ा एवं सरई तहसील क्षेत्र में बीती रात करीब 11 बजे से बारिश एवं तेज हवाओं के चलने का जो दौर शुरू हुआ वह आज मंगलवार की दोपहर 2 बजे तक चलता रहा।
इस दौरान कभी तेज तो कभी रिमझिम व फुहारों के साथ लगातार बारिश होती रही। जिले में 16 घंटे से अधिक समय से हो रही बारिश ने पूरी तरह से जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार जिले के सोन, गोपद, सेमरा समेत अन्य सहायक नदी व नाले तमतमा आएं हैं। एक ओर जहां आज देर शाम सीधी-सिंगरौली के मध्य स्थित गोपद पुल से बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सुरक्षा के मद्देननजर झोखों पुलिस टीम गोपद नदी के समीप बैरिके ट लगाकर ऐतिहातन आवागमन रोक दिया है।
उधर जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते कई पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं। बैढ़न मुख्यालय के उत्कृष्ट उमावि परिसर में लगे पीपल का पेड़ जहां जड़ से उखड़ गया वही अमलोरी में प्रमुख रोड पर शीशम का पेड़ गिर जाने की जानकारी है। वही बलियरी मुख्य मार्ग में एक बमुर का पेड़ गिरने से सुबह तक आवागमन ठप रहा। हालांकि आज स्थानीय अवकाश के कारण किसी प्रकार की जन एवं धनहानि नही हुई है। इसकी जानकारी मिलते डीईओ एसबी सिंह एवं डीपीसी रामलखन शुक्ला स्थल पहुंच जायजा लेकर धरासाइ पेड़ों को हटाने के लिए निर्देश दिए हैं। उधर माड़ा तहसील दफ्तर से चन्द कदम दूर महुए का पेड़ जड़ से उखड़ जाने से जहां माड़ा-रामगढ़ का आवागमन प्रभावित रहा। वही बरगवां थाना परिसर में भी एक बड़े पेड़ की गिरने की जानकारी आई है।
बारिश के कहर से अमिलिया-सुहिरा गांव के मध्य मुख्य मार्ग स्थित नाला उफान पर आने के कारण पुलिस ने आवागमन रोक दिया है। वही भरूहा के जंगल क्षेत्र में स्थित एक पुलिया क्षतिग्रस्त होने की जानकारी है। इसके अलावा दुधमनिया तहसील क्षेत्र के कई घरों के गिरने की जानकारी मिली है। वही जिला मुख्यालय बैढ़न सहित समूचे जिले में बिजली की ऑख मिचौली से उपभोक्ता काफी परेशान रहे। उधर बैढ़न के चन्दावल में बने नगर निगम के इन्टेक वेल में रिहन्द डैम का पानी भर जाने से पावर हाउस एरिया जलजला हो गया है। पानी के बढ़ते स्तर को देख निजीसुरक्षा कर्मियों को भी हटा दिया गया है और इसकी जानकारी नगर निगम के सहायक यंत्री एसएन द्विवेदी ने जिला प्रशासन के साथ ननि कार्यपालन यंत्री को भी अवगत करा दिया है।
भदेली में मकान गिरने से मासूम की मौत, माता-पिता घायल
सोमवार से जिले में हो रही लगातार बारिश की वजह से लंघाडोल थाना क्षेत्र के ग्राम भदेली में एक मिट्टी का मकान गिर गया। मकान के दीवार की चपेट में आने से जहाँ 8 वर्षीय मासूम की मौत हो गयी। वहीं उसके पिता सत्य प्रसाद पुत्र भैया लाल पनिका उम्र 32 वर्ष व माता अंगार मति उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम भदेली गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को उपचारार्थ अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
दलहनी-तिलहनी फसलों को भारी नुकसान
जिले में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश एवं तेज हवाओं के चलने से तिलहनी फसल तिल एवं दलहनी फसल अरहर, मूंग फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। चितरंगी तहसील क्षेत्र के खैरा एवं फुलकेश गांव के हजारी केवट, अभिषेक धर अन्य किसानों ने बताया कि तेज बारिश व हवाओं के चलते फसले जमीन पर गिर गई हैं। वही दलहन में तिल की फसले भी गलने लगी है। अरहर एवं मूंग के फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
ओबरा डैम के 5 फाटक खुले
प्रदेश सहित आसपास के क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण ओबरा बांध का अधिकतम जलस्तर 193.24 मीटर तक पहुंच जाने से मंगलवार की सुबह ओबरा बांध के पांच गेट खोल दिए गए। इस दौरान ओबरा बांध के गेट नंबर 7, 8 एवं 9 को 10 फीट और गेट नंबर 6 व 10 को 5 फीट तक खोला गया है।
मोरवा के छठ घाट, खिरवा नाला व चितरंगी का गोतान नदी उफान पर
बताया गया की लगातार बारिश से मोरवा क्षेत्र के छठ घाट व खिरवा नाला लबालब में पानी से भर गया है और दूसरे दिन मांगलवार को भी बारिश जारी रहने की वजह से छठ घाट व खिरवा नाला उफान पर है। रेलवे स्टेशन के पास से होकर गुजरने वाली सड़क जो चितरंगी व दुधमनिया तहसील क्षेत्र के गाँवों से जोड़ने वाली प्रमुख सड़क है। उसी सड़क पर रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूरी पर खिरवा नाला स्थित है । बारिश की वजह से उफान पर है। प्रमुख सड़क होने की वजह से लोग रिस्क लेकर आ जा रहे है। लेकिन सुरक्षा दृष्टि से यह सही नही है। उधर चितरंगी क्षेत्र अंतर्गत स्थित गोतान नदी के उफान पर होने की जानकारी मिल रही है।
2 सितम्बर 1997 में हुई थी ऐसी बारिश
जिले में करीब 27 साल बाद सितम्बर महीने में बारिश का सितम दिखा है। 2 सितम्बर 1997 को 24 घंटे से ज्यादा समय तक मूसलाधार बारिश से समूचा विंध्य बाढ़ के चपेट में आ गया था। छोटी-बड़ी नदिया उफान पर आने से कई दिनों तक आवागमन बन्द था। वही सीधी-सिंगरौली के मध्य कर्थुआ में स्थित नऊआ नाले का पुल टूट जाने से करीब एक महीने तक सीधी-सिंगरौली का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया था। वैकल्पिक पुलिया बनाई गई थी। हालांकि उस दौरान सिंगरौली अलग जिला नही बना था। करीब 27 साल बाद सितम्बर महीना में बारिश का कहर दिखा है। मौसम विभाग ने एलर्ट किया है कि अभी 24 घंटे के अन्दर तेज बारिश की पूरी सम्भावना है। इधर एसपी निवेदिता गुप्ता ने सभी थाना एवं चौकी के प्रभारियों को निर्देश जारी किया है कि किसी भी हालत में नदी व नाले की स्थिति में वाहनों को आने-जाने न दें।