Singrauli News : गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य का खुला पोल ! पानी में बह गया 45 लाख की लागत से बना चेक डैम

Vikash Kumar Yadav
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Singrauli News

Singrauli News : जिले के ग्राम पंचायतों में चेक डेम निर्माण के नाम पर जमकर कमीशनखोरी, राशि की बंदरबांट कर गुणवत्ता विहीन कार्यो का इस साल की बारिश ने पोल खोल दिया है। देवसर जनपद क्षेत्र के झारा पंचायत सबसे बड़ा उदाहरण है। तकरीबन 45 लाख रूपये कीमत के पॉच की संख्या में स्टाफ चेक डेमों का निर्माण कार्य वर्ष 2022 से 2024 जून तक कराया गया था और सभी चेक डेम पानी में बह गए।

गौरतलब है कि जिले के अधिकांश ग्राम पंचायतों में वर्ष 2022 से लेकर अब तक जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के नाम पर चेक डेम स्वीकृत करने का एक बड़ा खेल जिला पंचायत में चला आ रहा है। इस तरह का खेला वर्ष 2021-22 में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय के कार्यकाल से शुरू हुआ और अभी भी जारी है। सूत्र बताते हैं कि चेक डेमों की स्वीकृति के लिए पहले क्रियान्वयन एजेंसी के कर्ताधर्ता को जिला पंचायत के दफ्तर में आना पड़ता है। इसके बाद फौरन मंजूर हो जाता है और यह बात किसी से छुपी नही है। करीब-करीब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकांश लोगों को जिला पंचायत के कामकाज व उसके गतिविधियों के बारे में पता है। बताया जाता है कि झारा पंचायत में वर्ष 2022 में खटखरिया नाला में हरिहर जायसवाल के खेत के पास, 2023 में मटवारी नाला में बच्चालाल जायसवाल के भूमि के पास, रामाधार साहू के घर के पास नाला में, मटवारी नाला शिवप्रसाद खैरवार के भूमि के पास एवं 2024 में रामरतन सिंह के भूमि के पास नाला में चेक डेम का निर्माण कार्य के साथ-साथ शारदा मंदिर चबूतरा निर्माण का कार्य क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत झारा के द्वारा कराया गथा। किन्तु चबूतरा सहित सभी पॉच चेक डेम इस साल के सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में हुई तेज बारिश में बह गए। जिसकी शिकायत जिला पंचायत सीईओ के यहां की गई थी। जिला पंचायत सीईओ ने सहायक यंत्री आरईएस देवसर सूरज मिश्रा को जांच का जिम्मा सौंप कर 23 सितम्बर तक जांच प्रतिवेदन मांगा था। जांच प्रतिवेदन आया की नही और यदि आया तो क्या कार्रवाई की गई। इसका कोई जवाब देने के लिए कोई तैयार नही है। आरोप है कि करीब 45 लाख रूपये की अधिक की रकम पानी में बह गया।

कार्य स्थल पर नही जाते उपयंत्री व एसडीओ

आरोप है कि निर्माण कार्यो को संबंधित सेक्टर के सहायक यंत्री एवं पंचायतों में तैनात उपयंत्री क्रियान्वयन एजेंसी के भरोसे छोड़ देते हैं। उसके पीछे कारण यही बताया जा रहा है कि कोई भी निर्माण कार्य हो उसमें एसडीओ एवं उपयंत्री का कमीशन फिक्स है। कथित सहायक यंत्री एवं एसडीओ जब तक 5 से 10 प्रतिशत अपना कमीशन वसूल नही लेते तब तक मूल्यांकन नही करते हैं। नतीजा सब के सामने है। इसके बारे में विभाग से जुड़े नागरिको व अधिकारियों को भलीभांति जानकारी है। लेकिन मजाल क्या है कि कोई जिम्मेदार अधिकारी सहायक यंत्री एवं उपयंत्री पर कड़ी एक्शन ले सके। वैसे तो पूर्णत: क्षतिग्रस्त चेकडेमों के मामले में संंबंधित क्षेत्र के उपयंत्री व एसडीओ पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। किन्तु जिला पंचायत इस तरह का साहस नही जुटा पा रहा है।

पराई ग्राम पंचायत की जांच ठंडे बस्ते में

चितरंगी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत पराई में पिछले वर्ष 2023-24 में सठिया टोला के नाले पर तकरीबन 10 लाख रूपये की लागत से चेक डेम का निर्माण क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत के द्वारा कराया गया। किन्तु शिकायतकर्ता चन्द्र प्रताप शर्मा का आरोप है कि उक्त चेक डेम कमीशनखोरी के भेंट चढ़ गया और जांच के नाम पर लीपापोती व सांठगंाठ कर ठंडे बस्ते में डाल दिया। ऊपर में जो पूर्णत: क्षतिग्रस्त चेक डेम की तस्वीर ग्राम पंचायत पराई की है। तस्वीर इस बात की बया कर रही है कि गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य का यह नमूना है। इस तरह के जिले के अनेको चेक डेम पानी में बह गए और संबंधित अधिकारी- क्रियान्वयन एजेंसी मालामाल हो गए।

 

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