Singrauli News: सिंगरौली जिले के एनटीपीसी (National Thermal Power Corporation) में काम कर रहे संविदा मजदूरों से जुड़ी एक गंभीर शिकायत सामने आई है। इन मजदूरों के द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि उन्हें एक ठेकेदार कंपनी के सुपरवाइजर शिव शंकर सिंह द्वारा लगातार शोषण और अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला विशेष रूप से एनटीपीसी की क्लाइमेट कंट्रोल कंपनी से जुड़ा हुआ है, जिसमें संविदा मजदूर काम कर रहे हैं।
आवेदन पत्र में इंद्रकमल तिवारी नामक एक संविदा मजदूर ने आरोप लगाया है कि मैं एनटीपीसी के मुक्त स्थान पर विगत कई वर्षों से कार्यरत था लेकिन कुछ महीना पहले ही संविदाकार की संविदा खत्म हो गई एवं क्लाइमेट कंट्रोल कंपनी को संविदा मिल गया जिसमें शिव शंकर सिंह नामक सुपरवाइजर हमारा गेट पास नहीं बनाया वही गेट पास बनवाने के लिए कहने पर शिव शंकर सिंह ने हमसे कम से कम ₹100000 की मांग की। लेकिन ₹100000 देने से असमर्थ है, जिससे कि हमारा गेट पास नहीं बन पाया और हमें काम से निकाल दिया गया है, जबकि मैं एनटीपीसी से विस्थापित भी है इसके बावजूद भी हमें दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।
शोषण और पैसे की मांग
इंद्रकमल तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि शिव शंकर सिंह अपने पद का दुरुपयोग कर मजदूरों से 1,00,000 से 1,50,000 रुपये तक की राशि लेता है। कुछ मजदूरों से कुशल श्रमिक के रूप में पैसे लिए जाते हैं, जबकि उन्हें हेल्पर का काम दिया जाता है। हेल्पर और कुशल श्रमिक के बीच के अंतर को भी शिव शंकर सिंह खुद हड़प लेता है। इस प्रकार के शोषण ने मजदूरों के जीवन को बेहाल कर दिया है।
भ्रष्टाचार और घूस की मांग
शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जब मजदूरों को उनकी मेहनताना (मजदूरी) उनके बैंक खाते में भेजी जाती है, तो शिव शंकर सिंह द्वारा मजदूरों पर 5000 रुपये घूस देने का दबाव डाला जाता है। यदि कोई मजदूर घूस नहीं देता, तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है या उसकी हाजरी काट दी जाती है। यह प्रक्रिया मजदूरों के लिए अत्यधिक परेशान करने वाली है।
किया जाता है गाली-गलौज
मजदूरी के भुगतान के समय शिव शंकर सिंह के द्वारा गाली-गलौच की जाती है और मजदूरों को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है। तिवारी जी ने बताया कि जब सैलरी हमारे अकाउंट में आ जाता है तब शिव शंकर सिंह के द्वारा दबाव बनाकर 2 से ₹3000 मांग की जाती है वही पैसे ना देने पर उसे थप्पड़ मारने और हाजरी काटने जैसी धमकियां दी गई। कई बार मजदूरों को नौकरी से भी निकाल दिया जाता हैं।
इंद्रकमल तिवारी ने यह भी बताया कि शिव शंकर सिंह ने अपनी तानाशाही के तहत मजदूरों से हर महीने 6000 रुपये की “माहवारी” मांग रखी है। जिन मजदूरों ने यह राशि नहीं दी, उन्हें विभिन्न तरीकों से प्रताड़ित किया गया। यह पैसा मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाकर लिया जा रहा है। ऐसे अत्याचारों के कारण कई मजदूर अपनी नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, और कई अन्य भी डर के साये में काम कर रहे हैं।
आवेदक ने अपने आवेदन पत्र में यह मांग की है कि शिव शंकर सिंह जैसे शोषक और अत्याचारी सुपरवाइजरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इनकी करतूतों से मजदूरों का जीवन संकट में है और उन्हें रोज़ नए संकटों का सामना करना पड़ता है। उनका अनुरोध है कि एनटीपीसी के उच्च अधिकारियों द्वारा इन शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि मजदूरों के जीवन को बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके।