छिंदवाड़ा न्यूज: आबकारी विभाग की लापरवाही, ‘केस बनवाओ, शराब बेचो’ का अवैध कारोबार जुन्नारदेव में धड़ल्ले से जारी

Vikash Kumar Yadav
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छिंदवाड़ा न्यूज: जुन्नारदेव में अवैध शराब का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ठेकेदारों और शराब तस्करों ने एक नया और खतरनाक तरीका अपनाया है, जिसे वे ‘केस बनवाओ, शराब बेचो’ के नाम से चला रहे हैं। यह अवैध कारोबार अब एक संगठित रूप ले चुका है, जिसमें इन लोगों ने शराब बेचने के लिए कानून की कमजोरियों का पूरा फायदा उठाया है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों की ओर से बार-बार छापेमारी की जाती है, लेकिन तस्कर और ठेकेदार नए-नए तरीके अपनाकर अपनी अवैध दुकानों और अड्डों को चलाने में सफल हो जाते हैं। पहले जहां सिर्फ होटल, ढाबे और भोजनालय अवैध शराब बेचने के अड्डे बने थे, अब गांव-गांव में कुचियां और आहते तक शराब के अवैध अड्डे बन गए हैं। यहां पर बिना किसी डर और रोक-टोक के शराब बेची जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, ये तस्कर ‘केस बनवाओ, शराब बेचो’ की योजना के तहत शराब का कारोबार कर रहे हैं। अगर कोई पुलिस या आबकारी विभाग द्वारा पकड़ा जाता है तो वह आसानी से एक मामला दर्ज करवा कर अपने कारोबार को फिर से शुरू कर देता है। इस तरीके से अवैध शराब का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई भी नाकाफी साबित हो रही है।

महादेव मेला और अवैध शराब का कारोबार

हाल ही में महादेव मेले के दौरान अवैध शराब के कारोबार में भी तेजी आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मेले के दौरान शराब के अवैध कारोबार को लेकर एक और सेटिंग का खेल चल रहा है, जिससे इस कारोबार को और बढ़ावा मिल सकता है। अब्जी के कुचियां और आहते खोले जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं, जो पहले से ही चल रही अवैध गतिविधियों को और बढ़ा सकती हैं।

इससे साफ नजर आता है कि प्रशासन को अब इस मामले में सख्ती से कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर समय रहते इस पर नज़र नहीं रखी गई तो अवैध शराब का कारोबार और भी बढ़ सकता है।

आबकारी विभाग की नाकामी

आबकारी विभाग की यह लापरवाही जिले में एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। जब भी विभाग द्वारा छापेमारी की जाती है, तस्कर तुरंत ही अपना ठिकाना बदल लेते हैं। वे नए-नए रास्तों से अपने कारोबार को जारी रखते हैं। स्थानीय लोग भी इस मुद्दे पर चिंतित हैं, क्योंकि इस कारोबार से उनकी सुरक्षा और समाज में अव्यवस्था फैल रही है।

आखिरकार सवाल यह है कि क्या आबकारी विभाग इस ‘केस बनवाओ, शराब बेचो’ के अवैध खेल को खत्म कर पाएगा? या फिर यह अवैध कारोबार इसी तरह चलता रहेगा, जिससे जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ेगी?

प्रशासन का ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता

इस पूरे मुद्दे को लेकर स्थानीय जनता और प्रशासन दोनों को सतर्क रहना होगा। अगर प्रशासन ने समय रहते इस पर गंभीर कदम नहीं उठाए, तो जुन्नारदेव में अवैध शराब का कारोबार और भी बड़े पैमाने पर फैल सकता है। आबकारी विभाग को अब इस पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि यह कारोबार पूरी तरह से बंद हो सके और स्थानीय समुदाय में शांति बनी रहे।

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