सीधी: पुलिस मुख्यालय के दिशा-निर्देशों के तहत चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान अभियान के तहत बहरी पुलिस ने 24 घंटे के भीतर एक नाबालिक लड़की को सिंगरौली से ढूंढकर परिजनों को सौंप दिया। यह अभियान गुम हुए बालक-बालिकाओं को तलाशने और उनके परिजनों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
इस अभियान की सफलता की दिशा में पुलिस अधीक्षक सीधी, डॉ. रविंद्र वर्मा के कुशल निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद श्रीवास्तव और उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती गायत्री तिवारी के मार्गदर्शन में बहरी पुलिस की टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश बैस के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम गठित की गई, जिसने नाबालिक लड़की को 24 घंटे के भीतर सिंगरौली से ढूंढ निकाला। इसके बाद वैधानिक प्रक्रिया के तहत लड़की को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
मामला विवरण:
यह मामला 08 फरवरी 2025 का है, जब फरियादी महिला थाना बहरी पहुंची और अपनी नाबालिक लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। महिला ने बताया कि उसकी बेटी 27 जनवरी 2025 को घर से कपड़े खरीदने के लिए बहरी बाजार गई थी, लेकिन वह वापस नहीं आई। लड़की के घर वापस न लौटने पर महिला ने आसपास के इलाके और रिश्तेदारी में भी तलाश की, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला।
मामला गंभीर होने के कारण थाना प्रभारी निरी. राकेश बैस ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और उनकी अनुमति से तत्काल एक टीम गठित की। इस टीम में पुलिस के सदस्य शामिल हुए और नाबालिक के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की।
पुलिस की कड़ी मेहनत और तत्परता से 24 घंटे के भीतर यह टीम सिंगरौली तक पहुंची और लड़की को ढूंढ निकाला। इसके बाद पुलिस ने आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की और नाबालिक को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। लड़की को सकुशल घर लौटते देख परिजनों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
पुलिस टीम का योगदान:
इस पूरे ऑपरेशन में थाना प्रभारी निरी. राकेश बैस, प्रआर संतकुमार सिंह, कमलेश प्रजापति, आर चालक दिग्विजय सिंह, मआर पिंकी दुबे और सायबर सेल सीधी से आर प्रदीप मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन सभी की मेहनत और समर्पण से यह कार्य जल्दी और सही तरीके से संपन्न हुआ।
ऑपरेशन मुस्कान की सफलता:
ऑपरेशन मुस्कान अभियान का उद्देश्य उन नाबालिक बच्चों की तलाश करना है, जो किसी कारणवश गुम हो जाते हैं। इस अभियान में सीधी पुलिस द्वारा अब तक कई बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों को सौंपा गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा ने कहा कि ऐसे अभियानों से पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ता है और लोग बिना डर के पुलिस से मदद लेने आते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और गुम हुए बच्चों को ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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