Bhopal News : राजधानी भोपाल की प्रतिष्ठित संस्था प्रभात साहित्य परिषद ने हिन्दी भवन के नरेश मेहता कक्ष में एक शानदार तरही ग़ज़ल गोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम श्री महेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ, जिसमें जनाब ज़फ़र सहबाई मुख्य अतिथि और श्रीमती खालिदा सुल्तान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मो. आज़म ने किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत
तरही ग़ज़ल गोष्ठी की शुरुआत में अध्यक्ष श्री महेश प्रसाद सिंह ने सभी अतिथियों और कवियों का स्वागत किया। इसके बाद, मुख्य अतिथि जनाब ज़फ़र सहबाई और विशेष अतिथि श्रीमती खालिदा सुल्तान ने अपनी शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभ संदेश दिए। डॉ. मो. आज़म ने गोष्ठी के संचालन में अपनी भूमिका निभाते हुए सभी ग़ज़ल प्रेमियों को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम की शुरुआत की।
रचनाओं का आदान-प्रदान
इस गोष्ठी में प्रतिभागियों ने अपनी बेहतरीन ग़ज़लें प्रस्तुत कीं। सबसे पहले प्रदीप कश्यप ने अपनी ग़ज़ल पढ़ी, जिसमें उन्होंने कहा, “जो बन के दोस्त मेरा इस जिगर में रहता है, वो दुश्मनों के मेरे क्यों असर में रहता है।” इसके बाद, डॉ. प्रतिभा द्विवेदी ने अपनी ग़ज़ल प्रस्तुत की, “तू करे जो भी मुकम्मल खबर में रहता है, देख, सब कुछ तो उसकी नज़र में रहता है।”
इसके अलावा, डॉ. विमल शर्मा की ग़ज़ल, “कभी इसकी कभी उसकी नज़र में रहता है, ये आफताब मुसलसल सफर में रहता है,” ने दर्शकों का दिल जीत लिया। सूर्य प्रकाश अष्ठाना की ग़ज़ल भी अत्यधिक सराही गई, जिसमें उन्होंने कहा, “हुई है चाँद सितारों को भी बहुत हैरत, ये आफताब मुसलसल सफर में रहता है।”
खालिदा सुल्तान ने अपनी ग़ज़ल “फलक में शम्स में जिन नो बसर में रहता है, वो एक नूर है जो बहरो बर में रहता है” प्रस्तुत की, जो सभा में उपस्थित सभी लोगों के बीच छाई रही। इसके बाद, रमेश नन्द ने अपनी ग़ज़ल “सभी को छोड़ कर जाना है जिस्म का पिंजरा, हमेशा कौन बदन रूपी घर में रहता है” पढ़ी, जो सुनने वालों को गहरे विचारों में डाल गई।
सम्मान और पुरस्कार
कार्यक्रम के दौरान, पिछली काव्य गोष्ठी की सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए श्री नीरज दुबे “अमस” को सरस्वती प्रभा सम्मान से अलंकृत किया गया। उनका यह सम्मान उनके योगदान और काव्य कला के लिए दिया गया था।
संचालन में भागीदार अन्य कवि
इस कार्यक्रम में कई अन्य प्रसिद्ध कवियों और शायरों ने भी भाग लिया। गोपाल देव नीरद, उमेश तिवारी आरोही, अशोक निर्मल, सरोज लता सोनी, इकबाल मसूद, आबिद काजमी, शोभा जोशी जैसे कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की और सभा को समृद्ध किया।