Bhopal News : चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद द्वारा “अभी अभी ” विषय पर काव्य गोष्ठी का का हुआ आयोजन                  

Mahima Gupta
4 Min Read

Bhopal News : राजधानी की चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद द्वारा “अभी अभी ” विषय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हिंदी भवन के नरेश मेहता कक्ष में वरिष्ठ गीतकार श्री राजेंद्र शर्मा “अक्षर” के संरक्षण में तथा छंदकार श्री रामकिशोर “रवि” की अध्यक्षता में एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री बलराम गुमास्ता के मुख्य आतिथ्य में तथा वरिष्ठ कवियत्री डॉ. (श्रीमती) प्रतिभा द्विवेदी के विशेष आतिथ्य में एवम पं विनोद गौतम ज्योतिशाचार्य के विशिष्ट आतिथ्य में तथा डॉ. अनिल शर्मा “मयंक” के संचालन में किया गया।

 इस अवसर पर “कोई कमी न थी” पिछली काव्य गोष्ठी की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं के लिये डॉ. (श्रीमती) सीमा अग्रवाल एवम श्री उमेश गर्ग “अग्रोही” को सरस्वती प्रभा सम्मान से अलंकृत किया गया। और पंडित अयोध्या प्रसाद गौतम पंचांग 2025 एवं डॉ. अनिल शर्मा “मयंक” की कृति “आयुर्वेद रहस्यम” का लोकार्पण किया गया।

 तदुपरांत डॉ. सीमा अग्रवाल ने पढ़ा “अभी अभी इक सपना देखा, सपने में देश बदलते देखा”। वही डॉ. अनिता तिवारी ने पढ़ा ” ठोकरें खाकर वो जमाने की, मील का पत्थर हो गया अभी अभी”। वही प्रदीप कश्यप ने पढ़ा “जिन्होंने झूठ हटा करके सच को माना है, हमारी बात को उनकी जुबां से उठने दो”। वही डॉ.प्रतिभा द्विवेदी ने पढ़ा ” कंचन काया थी सुघढ़ हुआ नियति का फेर, अभी अभी वह बन गई एक राख का ढेर”। वही डॉ.अनिल शर्मा “मयंक” ने पढ़ा “जालिम मार रहे इंसा को मेहफ़ूज नहीं हैं वहा सभी, बांग्लादेश पर हिंदुओं पर जुल्म देखे अभी अभी”। वही रमेश नन्द ने पढ़ा ” मैं तो पढ़ रहा हूँ अभी अभी।सीढियाँ चढ़ रहा हूँ अभी अभी। तुम्हें भरोसा हो या न हो मूर्ति, अपनी गढ़ रहा हूँ अभी अभी”।वहीं आबिद काजमी ने पढ़ा,_ तुम्हें घमंड के सम्मान के धनी हो तुम, ज़मीर बेच के हमने भी कब गुजारा किया। वहीं दिनेश भदौरिया शेष ने पढ़ा,_ प्रीति ह्रदय में जब से उतरी, स्वत्व गया चेतना गई है। वहीं गोपेश बाजपाई ने पढ़ा,_ जाति न पूछो साधु की,बस ज्ञान पूछिए,आवाज चारों ओर से आई अभी अभी। वहीं मंजू मिश्रा ने पढ़ा,_ बस यूं लगता है ये अभी अभी की बात है, जीवन एक पहेली है,जितना सुलझाओ उलझ ही जाती है। वहीं शफी लोधी ने पढ़ा,_ छा रहा है बड़ी तेजी से अंधेरा अभी अभी,पहले भी होती थी तिरगी,पर कभी कभी। वहीं प्रेम शीला सिंह ने पढ़ा,_ अभी अभी तो आएं है,बसंत बन के छाए है अभी अभी। वहीं सुरेश सोनपुरे अजनबी ने पढ़ा,_ सीधे साधे भोले भाले हम सच्चे बन जाएं,अभी अभी एक सपना देखा हम बच्चे बन जाएं। वहीं बलराम गुमास्ता ने वक्तव्य देते हुए कहा,_ रचना में दर्शन और दृष्टिकोण महत्वपूर्ण तत्व हैं। वहीं अशफाक अंसर ने पढ़ा, सिवाए इसके हमारा ठिकाना कोई न हो,मैं तेरे दिल में रहूं,तू रहे मिरे दिल में। कार्यक्रम में

श्री चंद्रभान राही,मंजुल प्रकाशन के चीफ श्री कपिल सिंह,श्री गोपेश बाजपाई,चंदरसिंह चंदर,उमेश तिवारी आरोही,सुषमा श्रीवास्तव , सविता बांगड़,आदि साहित्यकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में श्री गोकुल सोनी ने सभी का औपचारिक आभार व्यक्त किया।

Singrauli News : आदिवासी युवक के साथ मारपीट करने वाला पुलिस को किया गया लाइन अटैच

Share This Article
Leave a comment
error: Content is protected !!