सिंगरौली न्यूज: सिंगरौली जिले में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री करने वाले आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा सश्रम कारावास और अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। यह निर्णय 23 और 20 जनवरी 2025 को विभिन्न मामलों में सुनाया गया। पुलिस विभाग की कड़ी कार्रवाई और न्यायालय की सख्त सजा से जिले में मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर एक मजबूत संदेश भेजा गया है।
प्रकरण 1: सुनील कुमार साकेत को 5 साल की सजा
पहला मामला 16 अप्रैल 2023 का है। थाना वैढ़न में उप निरीक्षक उदयचंद करिहार को सूचना मिली थी कि सुनील कुमार साकेत, निवासी अमिलवान, अवैध मादक पदार्थ स्मैक (हेरोईन) बेच रहा है। सूचना के बाद पुलिस टीम ने छापेमारी की। अभियुक्त सुनील से 40 ग्राम हेरोईन, दो मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन बरामद की गई।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। इस मामले में कोर्ट ने 23 जनवरी 2025 को आरोपी सुनील कुमार साकेत को 5 साल का सश्रम कारावास और 35,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण 2: राधेश्याम शाह और श्रवण कुमार को सजा
दूसरा मामला 1 अप्रैल 2023 का है। थाना वैढ़न में सहायक उप निरीक्षक पप्पू सिंह को सूचना मिली थी कि राधेश्याम शाह और श्रवण कुमार मादक पदार्थ गांजा बेच रहे हैं। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों के पास से 1 किलो 550 ग्राम गांजा बरामद किया।
इस मामले में भी पुलिस ने एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। 20 जनवरी 2025 को न्यायालय ने राधेश्याम शाह को 5 साल की सजा और 25,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। श्रवण कुमार को भी सजा दी गई है।
प्रकरण 3: प्रेमशंकर सिंह को सजा
तीसरे मामले में 8 मार्च 2017 को थाना मोरवा में पुलिस ने प्रेमशंकर सिंह को मादक पदार्थ गांजा के साथ पकड़ा। आरोपी के पास 1 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। इस मामले में न्यायालय ने 13 जनवरी 2025 को आरोपी प्रेमशंकर सिंह को 5 साल का सश्रम कारावास और 25,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण 4: रामलखन बैगा को सजा
चौथा मामला 16 अक्टूबर 2022 का है। थाना जियावन में पुलिस को सूचना मिली थी कि रामलखन बैगा अवैध रूप से गांजे के पौधे उगा रहा है। पुलिस ने छापेमारी की और उसके घर के पास से 180 गांजे के पौधे बरामद किए, जिनका वजन 70 किलो 740 ग्राम था। इस मामले में न्यायालय ने 20 जनवरी 2025 को आरोपी रामलखन बैगा को 5 साल की सजा और 25,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
पुलिस की भूमिका और न्यायालय का निर्णय
सभी मामलों में पुलिस की सक्रियता और तत्परता से आरोपियों को पकड़ने में मदद मिली। पुलिस अधीक्षक श्री मनीष खत्री और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शिवकुमार वर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई सफल रही। इसके अलावा, न्यायालय द्वारा दिए गए सख्त फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री को लेकर कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी।
माननीय न्यायालय श्री वारीन्द्र कुमार तिवारी, विशेष न्यायाधीश, एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 द्वारा इन मामलों की सुनवाई की गई। न्यायालय के इस निर्णय से जिले में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री और तस्करी के खिलाफ एक कड़ा संदेश गया है।