किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सीधे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवालों की बौछार की। उन्होंने शिवराज की ओर इशारा करते हुए कहा, कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था? और जो वादा किया गया था, वो क्यों नहीं निभाया गया?
वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? गत न वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है। हम कुछ कर नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरसीओटी) के शताब्दी समारोह के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान संकट में हैं और ई आंदोलन का सहारा ले रहे हैं। यह स्थिति देश की समग्र भलाई के लिए अच्छी नहीं है।
सिर्फ बातचीत से निकलेगा समाधान
उपराष्ट्रपति ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया को संदेश दिया है में कि समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता है। ऐसे किसानों की समस्या दूर की जाए। विकसित राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए प्रत्येक नागरिक की आय में आठ गुना वृद्धि करनी होगी, जिसका अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आएगा। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत अपने किसानों के बिना समृद्ध देश नहीं बन सकता। आज भी कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं।
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