Singrauli News : एनसीएल के गोरबी ब्लॉक-बी परियोजना में ओबी खनन का काम कर रही नीलकंठ कंपनी कभी वर्करों के भुगतान को लेकर तो कभी नॉन टेक्निकल वर्करों से टेक्निकल काम कराने को लेकर आरोप लगाते रहे हैं।
गांधी जयंती के दिन नीलकंठ कंपनी एक बार फिर सुर्खियों में है। अब ओबी कंपनी के मेंस के नाश्ता में कीड़ा निकलने का मामला सामने आया है। जिसके बाद वर्करों ने न केवल हंगामा शुरू कर दिया बल्कि मेंस के नाश्ता का बहिष्कार करने की बात कहने लगे। लेकिन इस बीच कंपनी के जिम्मेदारों ने वर्करों पर ही चुप रहने और विरोध नहीं करने का दवा बनाने लगी।
गौरतलब है कि नीलकंठ कंपनी अक्सर अपने कामों को लेकर विवादों से घिरी रही है। अब कंपनी के मेंस के नाश्ता में मरा हुआ कीड़ा मिला तो वर्कर नाराज हो गए। इसकी शिकायत 700 वर्करों ने कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की। साथ ही मिले नाश्ता की फूड टेस्टिंग की मांग की। लेकिन जिम्मेदारों ने इस मामले कि शिकायत करने वालों पर मुंह बंद करने की धमकी देने लगे। वहीं नाम न छापने की शर्त पर वर्करों का कहना था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी नाश्ता की क्वालिटी में सुधार नहीं किया गया। साथ वर्करों का कहना है कि सालों से मैच में लगातार घटिया खाना खिलाया जा रहा है कभी कंकर कभी पत्थर मिलते हैं तो कभी कीड़े निकलते हैं। लगातार शिकायतों के बावजूद मेंस की न व्यवस्था सुधरी और न ही उसे चलाने वाले पर कोई कार्रवाई की गई। खाने की गुणवत्ता पर शिकायत करने पर प्रबंधन द्वारा दबाव बनाने के लिए बेवजह नोटिस दी जाती है और फिर शिकायतकर्ता को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। नौकरी जाने के डर से वर्कर भी शिकायत करने से डरते हैं और मन मार कर जो कुछ भी सड़ा-गला घटिया खाना मिलता है उसे चुपचाप खा लेते हैं।
इनका कहना
कंपनी फ्री में वर्करों को नाश्ता कराती है। पैसे नहीं लेती, नाश्ता बनाने वाले कर्कर भी इंसान है, भगवान है नहीं, बारिश का मौसम चल रहा है । एक कीड़ा मिल गया तो कौन सी आफत आ गई। इसके पहले तो कभी नहीं मिला। मीहुल दास- जीएम नीलकंठ कंपनी, गोरबी ब्लॉक-बी परियोजना एनसीएल