Singrauli News : शिक्षा के साथ संस्कार का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक शायद अपने कर्तव्यों से विमुख होते नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसी ही लापरवाही सरस्वती विद्यालय बिलौंजी में देखने को मिली। त्रैमासिक परीक्षा में समय से पूर्व छात्र-छात्राओं को छोड़ दिया गया। जिसके चलते छात्र-छात्राएं नगर निगम के जुड़वा तालाब पार्क में रील व अठखेलिया करते नजर आए।
ज्ञात हो कि सरस्वती विद्यालय में अभिवावक अपने बच्चों का दाखिला इस वजह से कराते हैं कि इस विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार मिलेगा। सरस्वती विद्यालय की शुरूआत इसी वजह से हुई थी कि नैतिकता और देश की अखण्डता को कायम करना है। लेकिन जिस तरीके से आज दिन शुक्रवार की दोपहर तकरीबन 2:30 बजे छात्र-छात्राओं का चरित्र नगर निगम के समीप जुड़वा तालाब पार्क में देखने को मिला तो एक पल के लिए लगा कि सरस्वती विद्यालय अपने कर्तव्यों और मकसद से भटक रही है। क्या विद्यालय में विद्यार्थियों को यही नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है।
बताया जाता है कि इस समय सरस्वती विद्यालय बिलौंजी में त्रैमासिक परीक्षा प्रारम्भ है। समय सारिणी दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक नियत की गई। फिर कैसे 2:30 बजे विद्यार्थी पार्क में घूम रहे हैं। यह सवाल शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। विद्यालय प्रबंंधन अगर अन्य कोई कार्य होता है तो तत्काल विद्यालय ग्रुप में जानकारी प्रेषित की जाती है। अगर 2:30 बजे ही छात्र-छात्राओं को छोड़ना था तो जानकारी उपलब्ध क्यो नही कराई गई? अगर कोई अनहोनी हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा? कहीं न कहीं सरस्वती विद्यालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।