Singrauli News : हिंडाल्को महान ने अपने निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत एक सराहनीय कदम उठाते हुए देवसर विधानसभा क्षेत्र के गड़रिया आदिवासी आवासीय विद्यालय की 359 छात्राओं को ठंड से बचाव के लिए ब्लेज़र वितरित किए। इस अवसर पर विधानसभा क्षेत्र देवसर के विधायक राजेंद्र मेश्राम, जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, DPO राजेश राम गुप्ता, हिंडालको महान के मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा और CSR प्रमुख संजय सिंह व उनकी टीम के सदस्य उपस्थित रहे।
CSR और शिक्षा: बदलाव की ओर एक कदम
CSR प्रमुख संजय सिंह ने इस अवसर पर कहा, “हिंडालको महान शिक्षा, स्वास्थ्य, आय सृजन और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य जिला प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे प्रयास करना है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाया जा सके।” हिंडालको महान के
मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने प्रधानमंत्री की कौशल विकास योजना को युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बेहतरीन पहल बताया। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों। हिंडालको महान इस दिशा में पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है। इसके साथ ही, विद्यालय की बुनियादी जरूरतों जैसे कुर्सियों और मच्छरदानियों को भी जल्द पूरा किया जाएगा। हमारा लक्ष्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे अपने जीवन को नई दिशा दे सकें और समाज को भी मजबूत बना सकें।”
सामाजिक जागरूकता: एक नई सोच
इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने अपने प्रेरणादायक भाषण में छात्राओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा न केवल आपके उज्ज्वल भविष्य की नींव है, बल्कि यह आपको अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने में भी सक्षम बनाती है। हमें समाज की बुराइयों, जैसे दहेज प्रथा और लैंगिक असमानता, के खिलाफ मिलकर खड़ा होना होगा। बेटियों को संपत्ति में बराबरी का अधिकार दिलाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा, “आपका सपना ही आपका भविष्य है। इसे पाने के लिए खुद पर विश्वास करें और अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करें। अपने अधिकारों की सुरक्षा करना और आत्मनिर्भर बनना ही सच्ची स्वतंत्रता है।”
कलेक्टर चंद्रशेखर ने छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वे अपने लिए सुरक्षित माहौल बनाएं और समाज में अपनी मजबूत पहचान स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
विधायक राजेंद्र मेश्राम ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा, “शिक्षा शेरनी का दूध है। इसे जितना आत्मसात करेंगी, उतना ही समाज में आपकी पहचान मजबूत होगी।” उन्होंने डिंडोरी जिले के बैगा आदिवासी स्कूल का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के शिक्षकों ने 25 छात्रों को NET परीक्षा में सफलता दिलाई। उन्होंने यहां के शिक्षकों से आग्रह किया कि वे भी छात्रों को IIT और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं के लिए तैयार करने का प्रयास करें।
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