Singrauli News : मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला औद्योगिक जिला कहा जाता है, जहां अनेकों प्रकार की कंपनियां संचालित है जिसमें प्रमुख रूप से कोल कंपनियां ज्यादातर कार्यरत है,जिसकी वजह से सिंगरौली में भारी मात्रा में प्रदूषण एवं कोयला गाड़ियों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटना देखने को मिलती है,लेकिन सिंगरौली में कोई भी प्रतिनिधि एवं विपक्ष आवाज तक नहीं उठाता है जिसकी वजह से जिले में समस्याएं जस की तस बनी हुई है. औद्योगिक जिला होने के बावजूद भी सिंगरौली में ना तो सड़क है ना तो प्रदूषण को रोकने के लिए कोई योजनाएं। बता दे की सिंगरौली में प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाएं सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही संचालित है, बता दे कि कोयला परिवहन कर रहे वाहनों से निकलने वाले धुएं एवं डस्ट से सड़क दुर्घटनाएं जिले में निरंतर हो रही है। इसके बावजूद भी जिले के कोई भी जनप्रतिनिधि प्रदूषण एवं सड़क दुर्घटना की रोकथाम को लेकर कोई भी बोलने वाला नहीं है जिसकी वजह से आज समाजसेवियों एवं पत्रकारों को सड़क पर उतरकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपना पड़ा।
जिले में हो रही है रोजाना सड़क दुर्घटनाएं
बता दे की हाल ही में सुलियरी परियोजना में कोल ट्रांसपोर्ट से एक ही दिन में जिले के चार अलग-अलग जगह पर सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें रामकुमार सिंह ग्राम ताल की मौके पर ही मौत हो गई,दूसरा हादसा बैढ़न बर्गवा मार्ग पर नवगई में हुआ जिसमें बाइक सवार राम जन्म साकेत पिता अंजलि साकेत उम्र 25 साल और रवि साकेत पिता शिव प्रसाद साकेत उम्र 25 साल निवासी हरैया की मौत हो गई. वहीं तीसरा हादसा ग्राम आमडाड में हाईवे की चपेट में आने से कमलेश शाह पिता रामलाल शाह गंभीर रूप से जख्मी हो गए जिनका इलाज वाराणसी पॉपुलर हॉस्पिटल में चल रहा है। बता दे की ये सब सड़क हादसे पहले हादसे से नहीं है, जिस तरह से सिंगरौली औद्योगीकरण के क्षेत्र में बुलंदियों की ऊंचाइयों को छू रहा है इसी प्रकार से जिले में सड़क दुर्घटनाएं भी रोजाना हो रही है। बता दे कि जिले में सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण भारी प्रदूषण के साथ-साथ उबड़-खाबड़ सड़के एवं भारी वाहने हैं.
ग्रामीणों का जीवन हुआ अस्त -व्यस्त
बता दे कि अवैध रूप से बिना ब्रेक बिना ,लाइट,इंडिकेटर, गाड़ी में चारों तरफ( रिफ्लेक्टर रेडियम स्टीप) बिना ही गाड़ियां चलाई जा रही है, जिससे आए दिन गंभीर दुर्घटनाएं हो रही हैं। भारी वाहनों के कारण ग्रामीणों के आवागवन में काफी समस्या हो रही है। इन सभी समस्याओं को रोकथाम को लेकर समाज सेवी आनंद पांडे एवं सभी पत्रकार साथियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि बंधौरा से परसौना तक कन्वेंइ व कोल से भरी वाहनों को सुव्यवस्थित कराए जाने हेतु गार्डो की नियुक्ति की जाए । जिससे कि आवागवन बाधित न हो व धूल डस्ट कम करने हेतु पानी का छिड़काव आवश्यक रूप से कराया जाए और कोल ट्रांसपोर्ट कंपनियों पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर कई गांव के बीचो-बीच हो रहे कोल ट्रांसपोर्ट को बंद कराया जाए।