Singrauli News : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन में वृद्धि के भुगतान का आश्वासन दिया गया था जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि कर दी गई है लेकिन आशा कार्यकर्ताओं के मिलने वाले वेतन में वृद्धि नहीं की गई है जिसे लेकर आशा कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक खासे परेशान है और आशा एवं पर्यवेक्षकों की वेतन का भुगतान न होने की वजह से इनके ऊपर गंभीर समस्या बनी हुई है। इसी को देखते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
आपको बताते चले की मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा 29 जुलाई 2023 को आशा एवं पर्यवेक्षकों की वेतन वृद्धि की घोषणा के साथ 1000 रु वार्षिक वेतन वृद्धि देने की घोषणा की गई थी एवं 6 सितम्बर 2023 को इसका आदेश जारी हुआ है,लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आशा एवं पर्यवेक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर 2023 से ही वेतन वृद्धि कर दी गई है।
आशा एवं पर्यवेक्षकों की तरह वार्षिक वेतन वृद्धि का निर्णय लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों के लिये भी आदेश जारी किया गिया था। आंगनबाड़ी कर्मियों का 1,000 रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान 1 जुलाई 2024 से एवं संविदा कर्मियों का वार्षिक वेतन वृद्धि 1 अप्रैल से दिया जा रहा है।
वार्षिक वेतन वृद्धि के मामले में समान तरह का आदेश होने के बावजूद आशाओं की वार्षिक वेतन वृद्धि को भेदभावपूर्ण तरीके से रोक कर रखा जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि पिछले वर्ष पूरे त्यौहारों के वक्त आशा कार्यकर्ताओं को वेतन से वंचित रखा गया था, पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिवाली के मौके पर वेतन में वृद्धि एवं भुगतान संभव नहीं लग रहा है
पिछली वर्ष की तरह इस वर्ष भी आशा एवं पर्यवेक्षकों के परिवार की दीपावली नहीं मन पाएगी। वही आशा कार्यकर्ताओं ने वार्षिक वेतन वृद्धि एवं दिवाली से पूर्व भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 तक की राशि का भुगतान एरियर सहित किया जाए.
आशा एवं पर्यवेक्षकों की अन्य मांगे
- महीने के 5 तक बिना करोनी के आशाओं एवं पर्यवेक्षकों के वेतन न राशि का महीने के नियमित रूप से करने सम्बन्धी निर्णय को सख्ती से अमल में लाया जाए
- प्रत्येक आता एवं प्रवेक्षकों को उनके धोत्रा किया जाये जाने वाली एवं बकाया राशि प्रतार का विवरण अंकित वेज स्लिप (वेतन पचर्चा) प्रदान किया जावे, ताकि आशाओं के प्रोत्साहन राशि का भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
- सभी अस्पतालों एवं प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त आशा विश्राम कक्ष की व्यवस्था करने हेतु उचित कदम उठाया जाये।
- आशा एवं पर्यवेक्षकों को अन्य सभी कर्मियों की तरह रविवार के दिन साप्ताहिक अवकाश दिया जावे एवं आकस्मिक अवकाश, मेडिकल अवकाश, त्यौहारों के अवकाश एवं अर्जित अवकाश प्रदान किया जावे।
- आशा एवं पर्यवेक्षकों से गैर विभागीय काम कराये जाने पर रोक लगाया जावे। गैर विभागीय काम न कर पाने पर विभागीय एवं गैर विभागीय अधिकारियों द्वारा आशाओं के साथ असम्मानजनक व्यवहार करने एवं मनमाना तरीके से दण्डित करने से रोका जावे।
- आशा एवं पर्यवेक्षकों की सेवा निवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष किया जावे।
- 62 वर्ष पूर्ण होने से पहले आशा का जबरन सेवा निवृत्ति को रोका जाये।
- आशा या पर्यवेक्षकों के कार्य के दौरान दुर्घटना में घायल होने की स्थिति में सम्पूर्ण इलाज विभाग की ओर से सुनिश्चित की जाये।
- विभागीय अधिकारियों के द्वारा आशा एवं पर्यवेक्षकों के साथ अभद्र, असम्मानजनक एवं आपत्तिजनक व्यवहार की घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही दोषियों को दंडित किया जावे।
- बैरसिया के ग्राम दोहाया में मात मृत्यु एवं शिशु मृत्यु की घटना को लेकर बिना निष्पक्ष जांच के निर्दोष आशा एवं पर्यवेक्षक की सेवा समाप्त करने का आदेश निरस्त करते हुये उन्हें तुरन्त अपने अपने पद पर बहाल किया जावे।
- विभागीय दिशा निर्देशों के तहत जहां अधिक आबादी है वहां आशा एवं पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जावे।
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