Amit Shah In Gujarat: बड़ी खबर ! अब गुजरात में कचरे से बनेगी बिजली! अमित शाह ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का किया उद्घाटन

Mahima Gupta
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Amit Shah In Gujarat

Amit Shah In Gujarat: अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आप लोगो को बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने 1 नवंबर 2024 को गुजरात के सबसे बड़े ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट का उद्घाटन किया है. और अब इस प्लांट की मदद से गुजरात शहर के कचरे से बिजली बनाई जाएगी. पूरी तरह से चालू होने के पर यह प्लांट शहर के कुल 4000 मीट्रिक टन प्रतिदिन के वेस्ट का प्रबंधन करेगा और लगभग 350 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि इस टेक्निक से शहर में कचरा भी नहीं होगा और शहर के कचरे से बिजली भी बनाई जाएगी।

कचरे से बनेगी बिजली

Amit Shah In Gujarat
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भारत के शहरों से हर दिन लगभग 1.5 लाख टन से भी ज्यादा ठोस कचरा निकलता है जिसमें से केवल 25-28 प्रतिशत कचरे का प्रोसेस किया जाता है. बाकी बचा कचरा या तो खुले में फेंक दिया जाता है या जला दिया जाता है. ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2030 तक कचरे की यह मात्रा 16 करोड़ टन हो जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने 1 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद में इसका उद्घाटन किया है. कचरे को ऊर्जा में बदलने वाला यह प्लांट गुजरात का सबसे बड़ा प्लांट है।

प्लांट की क्या है खासियत

इस प्लांट को बनाने के पीछे का तर्क यह है कि कचरे को अलग करने में समय और संसाधन बर्बाद करने से बेहतर है कि बिजली और तेल के उत्पादन के लिए कचरे को प्लांट में ही जला दिया जाए। हालाँकि, इस प्रकार का प्लांट पहली बार नहीं बनाया गया है। देश का पहला WTE प्लांट 1987 में दिल्ली के तिमारपुर में स्थापित किया गया था। उस समय, यह केवल 21 दिनों तक चला और आने वाले कचरे की खराब गुणवत्ता के कारण इसे बंद कर दिया गया।

वर्तमान में प्रायोगिक संचालन के तहत इस प्लांट से प्रतिदिन 1000 टन कचरे का निस्तारण कर प्रति घंटे 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। पूरी तरह से चालू होने पर, संयंत्र शहर में प्रति दिन कुल 4,000 मीट्रिक टन कचरे का प्रबंधन करेगा और लगभग 350 मेगावाट बिजली पैदा करेगा।

कचरे से कैस बनती है बिजली?

  1. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बिजली पैदा करने के लिए ईंधन के रूप में कचरे का इस्तेमाल वैसे ही करती है जैसे दूसरे बिजली संयंत्र कोयला, तेल या प्राकृतिक गैस का उपयोग करते हैं. इस संयंत्र में बिजली सात चरणों में बनती है.
  2. सबसे पहले कचरा डंपिंग पिट में आता है, ये वही कचरा है जिसे खुले में लैंडफिल साइट पर फेंक दिया जाता है. लेकिन यहां ये कचरा प्रोसेस होता है.
  3. दूसरा स्टेप होता है जब क्रेन के जरिए इस कचरे को उठाकर कन्वेयर बेल्ट में डाला जाता है. जहां गीले कचरे को सुखाया जाता है. साथ ही बेकार की चीजे अलग की जाती है. यहां ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कूड़ा मिक्स होकर आता है और कचरे को प्लांट में इस्तेमाल के लायक बनाना जरूरी होता है.
  4. तीसरा स्टेप होता है कचरे को जलाने का. कंब्शन चैंबर में कचरे को डाल जलाया जाता है. यहां तापमान 800 से 1000 डिग्री सेल्सियस होता है इस प्रोसेस के दौरान हीट निकलती है. यही हीट बॉयलर में पानी को भाप में बदलता है.
  5. चौथे स्टेप में हाई प्रेशर भाप टरबाइन जनरेटर के ब्लेड को घुमाता है. जिससे बिजली बनती है.इस प्रक्रिया में कचरे से निकलने वाली हानिकारक गैसों का प्रभाव कम हो जाता है.पांचवें और आखिरी चरण में राख को बॉयलर और वायु-प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली से इक्ट्ठा किया जाता है।

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