Singrauli News : महान एनर्जी लिमिटेड के विस्थापित एवं भूमि स्वामी समस्या का निर्माण कारण न होने से विस्थापितों एवं स्वामियों को अस्पताल स्कूल जाने के लिए सड़क थी नहीं बची है यहां तक की कंपनी के द्वारा विस्थापित कॉलोनी स्थापित की गई थी जो की पूरी तरह जर्जर हो चुकी है जिसे लेकर विस्थापित खासे परेशान नजर आ रहे है.
सिंगरौली में जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित महान एनर्जी लिमिटेड जो की पूर्व में से पावर एमपी लिमिटेड के नाम से स्थापित थी जिसे अदानी एनर्जी लिमिटेड ने खरीद कर विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं देने का लालच देकर चार गांव को विस्थापित बना दिया लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधाओं से ही महरूम कर दिया है विस्थापित कॉलोनी ग्राम नगवा में जो की मूल संभव सुविधाएं दी जानी है वह नहीं दी जा रही है विस्थापित कॉलोनी की ऋण के नालियां स्कूल अस्पताल वह बिजली भी नहीं दी जा रही है जो भी बिल्डिंग बनाई भी गई है उनकी हालत बहुत ही खराब हो गई है जिसमें रहना मौत से सामना होना प्रतीत होता है वही स्कूल व अस्पताल के लिए बने भावनाओं की भी हालत बहुत ही खराब है वह वहां तक पहुंच मार्ग भी काफी जर्जर हो चुका है जिससे विस्थापितों को आवा गमन के लिए वह बच्चों को स्कूल जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सर पावर लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा विस्थापितों को समस्याओं का निराकरण हेतु तमाम तरह के वादक किए गए थे लेकिन आज तक पूर्ण नहीं किए गए यहां तक की हिसार कंपनी एनसीएलटी आदेश के द्वारा अदानी ग्रुप के नाम से भी अधिकारियों द्वारा विस्थापितों को मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए बाकायदा प्रतिबद्ध किया गया था जिसमें कहा गया था की सर पावर लिमिटेड कंपनी द्वारा जो भी इंक्रीमेंट हस्ताक्षर किए गए हैं वह सभी सुविधाएं अदानी ग्रुप मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
अदानी ग्रुप द्वारा विस्थापितों से वह भूमि स्वामियों से अलग-अलग हिसाब से भूमि व मकान का पैसा भी दिया जा रहा है जो की पूर्व में असर कंपनी के द्वारा सभी विस्थापितों के लिए एक नियम व एक डर बनाई गई थी लेकिन अदानी ग्रुप कंपनी अलग नियम व अलग दस्तावेज के हिसाब से कार्य कर रही है जिसमें करिश्मा लाल नगवा को अलग पैकेज दे रही है एवं दो गांव का अलग एग्रीमेंट किया जा रहा है जो की सर कंपनी के द्वारा जो प्रतिबद्ध किया गया था उसके ठीक उलट किया जा रहा है जिसका निराकरण करने के लिए कलेक्टर व भोजन अधिकारी ने भी समझाइए देकर काम अदानी कंपनी को हिदायत दी गई थी कि सभी गांव को एक नियम के तहत भोजन कर विस्थापित किया जाए लेकिन अदानी कंपनी अपने मनमानी तरीके से कलेक्टर के आदेशों को दरकिनार कर अपना नियम लागू कर अलग-अलग विस्थापन व मुआवजा का आवंटन कर रही है.