Singrauli News: जिले के पचौर शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। हजारों लोग अपनी मुरादों को पूरा करने के लिए भगवान शिव के दरबार में माथा टेकने पहुंचे। मंदिर परिसर में हर तरफ धार्मिक उल्लास और भक्ति का माहौल था।
महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन होता है। हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पचौर शिव मंदिर में भी इस साल महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की संख्या कुछ अधिक ही रही। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं।
मंदिर के आसपास का माहौल भक्तिमय था। हर कोई शिवजी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए एक दूसरे से बढ़कर प्रयास कर रहा था। व्रति श्रद्धालु, भक्तगण, महिलाएं और बच्चे सभी अपने-अपने तरीके से भगवान शिव की पूजा में लगे हुए थे। इस मौके पर विशेष रूप से जल चढ़ाने, रुद्राभिषेक, और महामृत्युंजय जाप का आयोजन किया गया।
मंदिर के पुजारियों ने भी दिनभर पूजा अर्चना की। उन्होंने श्रद्धालुओं को पूजा विधि की जानकारी दी और उनके सामर्थ्य के अनुसार पूजा करने की सलाह दी। भक्तों ने भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण किया और मंदिर में घंटी बजाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। हर किसी का मानना था कि इस दिन भगवान शिव के दर्शन से सभी दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पचौर शिव मंदिर की विशेषता यह है कि यह क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां दूर-दूर से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं। मंदिर में पहुंचने के लिए भक्तों ने लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होकर इंतजार किया। यह स्थिति पूरी तरह से दर्शाती है कि शिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर की अहमियत कितनी बढ़ जाती है।
मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजा अर्चना और महाभिषेक का आयोजन किया गया। कई लोग तो भोर से ही मंदिर में पहुंच चुके थे। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध, और बेल पत्र अर्पित किए। कुछ भक्तों ने तो व्रत रखने का संकल्प लिया और पूरे दिन उपवासी रहकर पूजा की। मंदिर में दीप जलाए गए, जिससे पूरा वातावरण रोशन हो गया।
कई स्थानों पर भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ। धार्मिक गीतों और भजनों ने भक्तों के मन को और भी भक्ति से सराबोर किया। महिलाएं गूंजते भजनों के साथ पूजा अर्चना करती नजर आईं। बच्चों ने भी माता-पिता के साथ मंदिर में आकर भगवान शिव की आराधना की। कई परिवारों ने साथ मिलकर शिव पूजा की और भगवान से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की।
इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई थी। पुलिस बल तैनात था और भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा था। साथ ही, मंदिर में सफाई व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई थी ताकि भक्तों को कोई असुविधा न हो। पानी और भोजन की व्यवस्था भी की गई थी ताकि श्रद्धालुओं को राहत मिल सके।
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान लोग सिर्फ अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति के लिए ही नहीं, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना करने भी शिव मंदिर पहुंचे। पचौर शिव मंदिर की महिमा और इस दिन का महत्व हर श्रद्धालु के दिल में गहरे तक बस चुका है। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे और जीवन में खुशहाली आएगी।
महाशिवरात्रि के इस पर्व ने पूरे क्षेत्र को एक नई ऊर्जा और आस्था से भर दिया। इस दिन के आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि धर्म और आस्था का कोई भी मौसम या समय नहीं होता, जब तक दिल में श्रद्धा और विश्वास हो।
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