Singrauli News : सिंगरौली जिले के एपीएमडीसी सुलियरी बेलवार कोल माइंस में कार्यरत नीलकंठ कंपनी की प्रबंधकीय लापरवाही के कारण एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। घटना मंगलवार, 7 जनवरी को दोपहर की हैं। नीलकंठ कंपनी के द्वारा किए गए हैवी ब्लास्टिंग के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन न करने के कारण यह हादसा हुआ। घायल युवक की पहचान सीधी निवासी युवराज खान के रूप में हुई है, जो नीलकंठ कंपनी में हेल्पर के रूप में कार्यरत था।
नीलकंठ कंपनी द्वारा प्रतिदिन हैवी ब्लास्टिंग की जाती है, जो कोल माइंस में खनन कार्य के लिए आवश्यक होती है। हालांकि, कंपनी द्वारा ब्लास्टिंग के दौरान सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जाता। गार्डिंग लोकेशन और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के उपायों की घोर लापरवाही के कारण कई बार आसपास के ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग के दौरान भारी पत्थर कई बार उनके घरों में गिर चुके हैं, जिससे उनकी जान को भी खतरा हो चुका है। यहां तक कि ब्लास्टिंग के झटकों के कारण ग्रामीण घायल भी हो चुके हैं। नीलकंठ कंपनी के प्रबंधक इस स्थिति को लेकर पूरी तरह से अनजान हैं, और सुरक्षा मानकों को न मानने की वजह से जानमाल का नुकसान हो रहा है।
हालांकि, मंगलवार को हुई इस घटना में सुरक्षा के नियमों की अनदेखी के चलते युवराज खान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। ब्लास्टिंग के समय जब गार्डिंग लोकेशन की घोर लापरवाही से 300 मीटर के आसपास के क्षेत्र में भारी पत्थर गिरा, तो यह पत्थर एक कैम्पर पर गिरा और इस वजह से युवराज खान को गंभीर चोटें आईं। चोट लगने के बाद तत्काल उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज सिंगरौली रिसर्च सेंटर में चल रहा है। बता दे की इस हाथ से में घायल युवराज खान को देखने के लिए कंपनी के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अस्पताल में पहुंचने की जद्दोजहद नहीं की। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी कितनी लापरवाही कर रही है।
इस घटना के बाद से ग्रामीणों और मजदूरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों और मजदूरों ने नीलकंठ कंपनी के प्रबंधन से सुरक्षा के कड़े उपाय करने की मांग की है। उनका कहना है कि कंपनी को ब्लास्टिंग के समय सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे ना हों।
ग्रामीणों और स्थानीय मजदूरों की मांग है कि इस घटना के बाद नीलकंठ कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि कोल माइंस में काम करने वाले श्रमिकों और आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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