Singrauli News : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 

Vikash Kumar Yadav
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Singrauli News

Singrauli News : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार को रोकने की मांग को लेकर सनातन चेतना मंच जिला सिंगरौली ने बुधवार को राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौप कार्रवाई की मांग की है।

सनातन चेतना मंच जिला सिंगरौली ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हम, भारत के नागरिक और सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि, बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हैं। बांग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहे हैं, वे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि इनसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं।

स्वतंत्रता के समय तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान वर्तमान में बांग्लादेश में 22 प्रतिशत हिंदू थे। किंतु उन्हें दी जा रही यातनाओं के कारण, तथा उनका वंशच्छेद (Genocide) करने के कारण, बांग्लादेश की पिछली जनगणना तक वहां मात्र 7.9 प्रतिशत ही हिंदू बचे हैं। विशेषतः विगत 5 अगस्त को फैली हिंसा के बाद, बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लक्ष्य बनाकर, उनकी हत्याएं की जा रही है। उनके घर लूटे जा रहे हैं। उनकी जवान बेटियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं।

5 अगस्त से अब तक कुछ हजार हिंदुओं की हत्या की गई हैं। हिंदुओं पर हमले की 6000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। खुलना, रंगपुर, राजशाही, बारिसाल, चिटगांव, सिल्हट इन सभी विभागों में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग हिंदुओं की शिकायतें नहीं ले रहा है। बांग्लादेश प्रशासन ने एक ही महीने में 252 हिंदू पुत्तिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया हैं। बांग्लादेश की पुलिस में अब एक भी हिंदू पुलिस अधिकारी नहीं बचा है।

हिंदुओं के श्रद्धास्थान, मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। पिछले चार महीनों में 1000 से ज्यादा मंदिरों को ध्वस्त किया गया, तथा मंदिरों में स्थापित भगवान की मूर्तियों की विटंबना की गई। उन्हें तोड़ा गया।

महोदया, बांग्लादेश में हिंदू अत्यंत असुरक्षित है। उन्हें कोई भी मूलभूत अधिकार नसीब नहीं हो रहा हैं। हिंदू समुदाय की हत्याओं का दौर जारी हैं। विगत दिनों बाग्लादेश सरकार ने, वहां के प्रमुख हिंदू संत एवं इस्कॉन के पदाधिकारी, चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी, को देशदोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया यह सब अत्यंत दुःखद हैं। हमारे पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे इन पाशवी अत्याचारों से हम सब व्यथित हैं।

हमारे पड़ोसी देश में हुई कुछ घटनाओं ने हमें गहरे आधात पहुंचाया है, जिनमें विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों पर किए गए हमलों की एक श्रृंखला शामिल हैं। 25 नवंबर 2024, ढाका में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जो कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था।

24 नवंबर 2024, बगेरहाट एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया, जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है। 20 नवंबर 2024, बरिसाल हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उनकी संपत्ति और सम्मान को नष्ट कर दिया गया।

19 सितंबर 2024, सिलहट बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़ फोड़ कर आग लगा दी गई. जो धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था।

इन घटनाओं में हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं, जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि हमारे समग्र मानवता के लिए भी एक खतरा हैं।

 क्या है मांगे

1. भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके एवं हिन्दू संत स्वामी चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई की जा सके।

2. संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए।

3. अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।

4. जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेदखल किया गया है, उन्हें उनके मूल स्थानों पर पुनस्र्स्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए।

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