Singrauli News : सिंगरौली जिले में खुद की जमीन से अवैध रेत का परिवहन रोकने गए आदिवासी किसान की रेत माफिया ने ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ड्राइवर ट्रैक्टर छोड़कर मौके से भाग निकला।
घटना बरका चौकी क्षेत्र के गन्नई गांव में रविवार रात की है। मृतक किसान की पहचान इंद्रपाल (35) पिता रामलाल अगरिया के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक रेत माफिया से जुड़े लोग इंद्रपाल के घर के समीप से गुजरने वाली पटीर नदी से रेत लोड कर उसके खेत से जबरदस्ती ट्रैक्टर निकाल रहे थे। इंद्रपाल वहां पहुंचा और कहा कि ट्रैक्टरों को वहां से न निकालें उसकी फसल खराब हो जाएगी। इस बात को लेकर ट्रैक्टर चालकों ने विवाद करना शुरू कर दिया। बात इतनी बढ़ी कि मारपीट करने के बाद उन्होंने इंद्रपाल को ट्रैक्टर से कुचल दिया।
गंभीर हालत में किसान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन यहां रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई। हालांकि मामले में पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के लोग शराब के नशे में थे। उनके बीच मारपीट हुई, जिसमें इन्द्रपाल की मौत हो गई। गौरतलब है कि सरई और देवसर क्षेत्र में रेत माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर नदियों से अवैध तरीके से रेत की खनन किया जाता है।
जिस ट्रैक्टर से आदिवासी को कुचला वह भाजपा के पूर्व मडल अध्यक्ष का
बताया जा रहा है कि जिस ट्रैक्टर से आदिवासी युवक को कुचला गया, वो पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष सरई लाले वैश्य और दूसरा उसके साथी रामधनी यादव का है। मृतक के परिजन और स्थानीय लोगों ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने व उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर सरई थाने के सामने धरना-प्रदर्शन भी किया। परिजनों ने कहा कि पुलिस व प्रशासन आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
पोस्टमॉटर्म रिपोर्ट आने के बाद मामले में बढ़ाई जाएंगी धाराएं
पुलिस ने प्राथमिक जानकारी के बाद शिकायत दर्ज की थी। हालांकि विरोध के बाद तीन सदस्यीय चिकित्सकीय टीम से मृतक का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद पुलिस अब मामले में धाराएं बढ़ाने की बात कर रही है।
भारी हंगामे के बाद मामला कायम
भारी हंगामे और मुखर विरोध के बाद सोमवार रात करीब 9 बजे सरई थाना पुलिस ने आशीष वैश्य पिता लाले वैश्य, ट्रैक्टर चालक लाले कोल व अन्य 7 लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 (1), 191 (2), एससी/एसटी एक्ट (3), (2) (1) के तहत मामला दर्ज किया है। मामला दर्ज होने के बाद परिजन शव लेकर घर चले गए। वहीं सुरक्षा के लिहाज से सरई व गन्नई में पुलिस बल को तैनात किया गया है। घटना रविवार रात 8 बजे हुई थी। ऐसे में पुलिस को मामला दर्ज करने में 25 घंटे का समय लगा।
कांग्रेस बोली- कब रुकेगा आदिवासियों पर अत्याचार
मामले में कांग्रेस पार्टी भी कूद गई। स्थानीय कष्ठग्रेस नेता भी परिजनों के साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर आदिवासी युवक के साथ हुई घटना की निंदा की। कमलनाथ ने ‘एक्स’ पर कहा कि एमपी में आदिवासी अत्याचार की एक और जघन्य घटना। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार कब रुकेगा।