Singrauli News : सिंगरौली जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो मानवता को शर्मसार कर देती है। देवसर इलाके के चदैनिया गांव निवासी एक घायल युवक को एंबुलेंस की सुविधा न मिलने के कारण परिवार के लोगों ने कंधे में खाट पर उसे अस्पताल पहुंचाया। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, और इसने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर किया है।
घायल व्यक्ति का नाम सोनू कोल बताया जा रहा है। सोनू कोल को गंभीर चोटें आई थीं, लेकिन जब उन्हें 108 एंबुलेंस की सहायता के लिए फोन किया गया, तो कोई भी एंबुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं हो पाई। ऐसे में सोनू के पिता राजलाखन कोल और परिवार के अन्य सदस्य अपने घायल बेटे को खाट पर लेकर अस्पताल पहुंचे।
सोनू कोल को पिछले कुछ दिनों से पेट में तेज दर्द हो रहा था, और अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई। इसके बाद, परिजनों ने खुद ही उसे खाट पर लिटा कर कंधे पर उठाकर कई किलोमीटर का रास्ता तय कर अस्पताल पहुंचे।
इस दौरान सोनू की हालत लगातार बिगड़ती गई, लेकिन परिवार के लोग अपनी जान की परवाह किए बिना उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए मजबूर थे। खाट पर लेटे हुए घायल सोनू की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल उठने लगे।
सोशल मीडिया पर इस घटना के बारे में लोग जमकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की आलोचना की है और इस घटना को लेकर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना सिंगरौली जिले के स्वास्थ्य विभाग की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। एंबुलेंस सेवा का दावा किया जाता है कि यह हर जगह उपलब्ध है, लेकिन ऐसी घटनाओं से यह साफ होता है कि विभाग की कार्यप्रणाली कितनी कमजोर है।
परिजनों ने बताया कि वे पूरी तरह से थक चुके थे, लेकिन किसी भी हालत में अपने बेटे को अस्पताल पहुंचाने का संकल्प लिया। राजलाखन कोल ने बताया कि उनके बेटे की हालत बेहद गंभीर थी और वे जान जोखिम में डालकर उसे अस्पताल ले आए।
इस घटना से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि कई बार सरकारी सेवाएं लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पातीं, और ऐसे में उन्हें अपनी मदद खुद करनी पड़ती है। यह घटना सिंगरौली के लोगों के लिए एक सबक बन चुकी है कि स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए व्यापक बदलाव की जरूरत है। बता दे की जिले में यह पहला मामला नहीं है ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें परिजन घायल व्यक्तियों को कंधे पर और खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाने पर मजबूर हो जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे रहती है.
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