Singrauli News : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला में एक नया माफिया जन्म लिया है जिसे मुआवजा माफिया के नाम से जाना जा रहा है. सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे का घोटाला शांत भी नहीं हुआ था जिले में एक बार फिर से मुआवजा माफिया का हरकत नजर आया है आप सभी को बता दे की सिंगरौली प्रयागराज हाईवे के बाद आप जिले के मुआवजा माफिया ने ललितपुर-सिगंरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट के पास 1500 से ज्यादा अवैध मकान बना दिया है. जब प्रशासन को पता चला तो जिले में हड़ताल मच गया.
सिंगरौली में सक्रिय मुआवजा माफिया
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में मुआवजा माफिया इन दोनों सक्रिय है,सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे का घोटाला शांत भी नहीं हुआ था जिले में एक बार फिर से मुआवजा माफिया का हरकत नजर आया है आप सभी को बता दे की सिंगरौली प्रयागराज हाईवे के बाद आप जिले के मुआवजा माफिया ने ललितपुर-सिगंरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट के पास 1500 से ज्यादा अवैध मकान बना दिया है. आप सभी को बता दे कि यह रेलवे लाइन जिले के 10 गांवों से होकर गुजरने वाली है, जिस जगह से रेलवे लाइन गुजरने वाली है उसके आसपास मुआवजा माफियो सिंगरौली प्रयागराज हाईवे की तरह हीने 1500 से ज्यादा नकली घर बना दिए हैं.
प्रोजेक्ट के लिए पास हुआ है 6672 करोड़ रुपये का बजट
आप सभी को बता दे की ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए साल 2016 में तत्कालीन रेलवे मंत्री सुरेश प्रभू ने 6672 करोड़ रुपये का बजट पास किया था. जिसका काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है वही अभी भी कोई अता पता नहीं है कि कब तक इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा। जब जब लोगों को पता चला कि यहां से रेलवे लाइन होकर गुजरने वाली है तब लोगों ने 15 साल से ज्यादा नकली घर बना दिए ताकि मुआवजा के रूप में अधिक पैसा मिल सके.
बाहरी लोग आदिवासियों के जमीन में बना रहे हैं घर
आप सभी को बता दे कि जिस जगह से यह प्रोजेक्ट गुजरने वाला है उसके आसपास सबसे ज्यादा आदिवासियों की जमीन है, वही आदिवासियों से बाहर के लोग जमीन को खरीद कर मुआवजा घर बनवा रहे हैं. यहां तक की यहां स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और भू-माफियाओं ने गठजोड़ बनाकर बड़े पैमाने पर किसानों की जमीनें खरीद ली हैं.
सिंगरौली के 22 गांव की जमीन ले रही है प्रोजेक्ट
सभी को बता दे की ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए सिंगरौली जिले के 22 और सीधी के 91 गांवों में जमीन ले रही है. आप इन सभी गांव से होकर गुजरने वाले प्रोजेक्ट पर मुआवजा माफिया के द्वारा नकली घर बनवाया गया है आप सभी को बता दे की इन मुआवजा घरों की हालत ऐसी है कि यहां इसान रह ही नहीं सकते. भूर्जन अधिकारी ने देवसर और चितरंगी ब्लॉक के 22 गावों के करीब 2166 मकानों का अवार्ड भी पारित कर दिया है. लेकिन, उसमें से 10 गावों के कुछ खसरे को छोड़ दिया गया था. अब उन बचे हुए 10 गावों में सर्वे का काम पूरा हो गया है. इसलिए मुआवजा माफियाओं की इस जमीन पर नजर पड़ गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां मुआवजा 75 फीसदी और 25 फीसदी वसूलने की तैयारी है.