Singrauli News : मध्य प्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड, भोपाल और वन विभाग के सौजन्य से सिंगरौली जिले के वन परिक्षेत्र माड़ा में “अनुभूति कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 13 जनवरी 2025 को विवाह माड़ा और 16 जनवरी 2025 को झिंगाझरिया में आयोजित किया गया। इन दोनों कार्यक्रमों में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माड़ा और संजय हा.से. स्कूल माड़ा के कुल 252 विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को वन्यजीवों, पर्यावरण संरक्षण, और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व के बारे में जागरूक करना था। ईको कैम्प विवाह माड़ा और झिंगाझरिया में आयोजित इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को वन क्षेत्र के वास्तविक अनुभव से जोड़ने का प्रयास किया गया।
विवाह माड़ा के ईको कैम्प में 126 विद्यार्थियों ने भाग लिया। वहीं, झिंगाझरिया के ईको कैम्प में भी समान संख्या में विद्यार्थियों ने इस अनुभव का लाभ उठाया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से वन एवं वन्यप्राणियों, पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र माड़ा के अधिकारियों और कर्मचारियों ने विद्यार्थियों को जंगल और वहां पाए जाने वाले पेड़-पौधों के बारे में बताया। श्री धर्मपाल सिंह, कार्यवाहक वनपाल, श्री दीपेश कुमार कोल, वनरक्षक, और श्री हर्षित मिश्रा, वनक्षेत्रपाल ने विद्यार्थियों को वन्यजीवों, खासकर पशु-पक्षियों की आवाज सुनकर उनकी पहचान करने की विधि बताई। विद्यार्थियों ने जंगल के विभिन्न पक्षियों की आवाज को सुना और उनके बारे में जानकारी प्राप्त की।
इसके अलावा, कार्यक्रम में विद्यार्थियों को योग और ध्यान की भी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिला। इस दौरान उन्होंने शारीरिक और मानसिक रूप से ताजगी और शांति का अनुभव किया। वन भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को विभिन्न पेड़-पौधों की पहचान कराई गई और उनके महत्व के बारे में बताया गया। इस भ्रमण से विद्यार्थियों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का अच्छा अवसर मिला।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों के बीच कई खेल-कूद गतिविधियों का आयोजन किया गया। टॉफी रेस, राउंड चेयर रेस, अभिनय, चित्रकला और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में सफल रहने वाले छात्रों को पुरस्कार दिए गए और साथ ही प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम के दौरान वन विभाग ने विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की थी। साथ ही, सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी वन विभाग द्वारा किया गया। यह भोजन पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त था।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के अलावा स्थानीय ग्रामीण और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हुए। उन्होंने जंगल के बीच प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया और वन्यजीवों के बारे में सीखा। इस कार्यक्रम ने सभी को पर्यावरण और वन संरक्षण की आवश्यकता के बारे में गहरी समझ दी।
इस प्रकार, “अनुभूति कार्यक्रम” ने विद्यार्थियों को प्रकृति और वन्यजीवों के बारे में जागरूक किया और उन्हें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। यह कार्यक्रम सिंगरौली में वन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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