Pakistan inflation : पाकिस्तान कंगाल होता दिख रहा है पाकिस्तान में लोग रोटी के लिए मारामारी कर रहे हैं वहीं पाकिस्तान में आता ₹800 किलो बिक रहा है वहीं खाने वाला तेल ₹900 लीटर तक पहुंच गया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार कोको IMF के सामने भीख मांगनी पड़ रही है. देश के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि पाकिस्तानी आवाम को दिन की एक रोटी भी मिल पाना मुश्किल होता जा रहा है. यहां आटे से लेकर तेल जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं.
पाकिस्तान में महंगाई की मार
कंगाल देश पाकिस्तान और भी बंगाल हो चुका है पाकिस्तान के लोग रोटी के लिए लड़ाई करते हुए नजर आ रहे हैं वहीं पाकिस्तानी रुपए के हिसाब से 1 किलो आटा के कीमत ₹800 किलो हो गया है वही सरसों तेल ₹900 लीटर तक पहुंच गया है, इसके अलावा रोजाना इस्तेमाल करने वाले जैसे सब्जी तेल मसाला चावल भी पाकिस्तान में आसमान छू रहे हैं लोग खाने के लिए तरस रहे हैं, इसके बावजूद भी पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह दे रहा है.
पाकिस्तान को मांगनी पड़ रही है भीख
पाकिस्तान की इकोनॉमी चीन के कर्ज तले दबी जा रही है. सरकार को IMF के सामने भीख मांगनी पड़ रही है. आईएमएफ की शर्तें इतनी कठिन हैं कि सरकार को उन्हें मानना बहुत मुश्किल काम लग रहा है. देश में आटा 800 पाकिस्तानी रुपये किलो और तेल 900 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर हो चुका है. वहीं पाकिस्तान में अगर कोई इंसान रोटी खाना भी सोचेगा तो उसको एक रोटी के लिए ₹25 खर्च करने पड़ेंगे।
महंगाई की मार से पाकिस्तान बेहाल
पाकिस्तान में कॉस्ट ऑफ लिविंग आसमान छूने लगी है. लोग रोजमर्रा की जरूरतें भी मुश्किल से जुटा पा रहे हैं. पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में भी जबरदस्त गिरावट आ रही है. खाने के साथ ही घर, हेल्थकेयर और अच्छी शिक्षा भी आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है. उधर, आईएमएफ की तरफ से सब्सिडी खत्म करने का दबाव और बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद पाकिस्तान ने रक्षा बजट में 15 फीसदी का इजाफा किया है. पाकिस्तानी सेना को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,122 अरब रुपये दिए गए हैं.
पाकिस्तान सारा पैसा कर्ज चुकाने में कर रहा है खर्च
पाकिस्तान अपने दोस्त चीन से लिए कर्ज को चुका रहा है, चीन से पाकिस्तान कर्ज लेकर पूरी तरह से फंस चुका है. एक रिपोर्ट के मुताबिकपाकिस्तान के बजट का सबसे बड़ा खर्च कर्ज की भरपाई में जा रहा है. पाकिस्तान को लगभग 9700 अरब रुपये लोन रीपेमेंट पर खर्च करने पड़ेंगे. वित्त मंत्री के अनुसार, देश में महंगाई का आंकड़ा 12 आसपास रहेगा. देश का टैक्स कलेक्शन 12,970 अरब रुपये रहने का अनुमान है. सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए सरकारी क्षेत्र की कंपनियों का प्राइवेट करने का ऐलान भी किया है.
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