New Bijli Tariff : 1 अप्रैल से महंगी होगी बिजली, दिन और रात के रेट में होगा फर्क

Vikash Kumar Yadav
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New Bijli Tariff

New Bijli Tariff: सरकार द्वारा लागू किए गए नए टीओडी टैरिफ के मुताबिक, दिन और रात के समय में बिजली के रेट अलग होंगे। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ लागू करने की योजना बनाई जा रही है, जिसका मतलब है कि दिन और रात के समय बिजली की दरें अलग-अलग होंगी। इसका असर यह हो सकता है कि बिजली बिल 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएं। यह बदलाव मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में शामिल किया गया है, जो फिलहाल बड़े और छोटे उद्योगों पर लागू है।

किसानों को पर नहीं लागू ये नियम

केंद्र सरकार ने बिजली (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में बदलाव कर टीओडी टैरिफ लागू करने का फैसला किया है। इस बदलाव में दिन और रात की बिजली दरें अलग-अलग करने का नियम है। फिलहाल यह छोटे और बड़े उद्योगों पर लागू है, लेकिन 1 अप्रैल 2025 से यह सभी उपभोक्ताओं के लिए लागू होगा, हालांकि किसानों को इससे बाहर रखा गया है। नियामक आयोग ने मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में इसे लागू करने का प्रस्ताव किया है।

रात में खर्च ज्यादा तो बिल भी अधिक

आमतौर पर रात में पूरा परिवार घर पर होता है, जिससे घरेलू उपभोक्ता रात के समय ज्यादा बिजली खर्च करते हैं। यही कारण है कि रात 10 से 11.30 बजे के बीच बिजली का खर्च सबसे ज्यादा होता है। अगर रात में ज्यादा शुल्क लिया जाएगा, तो घरेलू उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा।

दो साल पहले भी हुआ था प्रयास

टीओडी की व्यवस्था को 2023 में भी लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उपभोक्ता परिषद ने इसके खिलाफ याचिका दायर की और कोर्ट जाने की धमकी दी। इसके बाद प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया। अब मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे के जरिए इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष, अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वे इस व्यवस्था को किसी भी हालत में लागू नहीं होने देंगे और इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।

ऊर्जा विभाग का तर्क, होगी बचत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओडी टैरिफ को उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद बताया। उनका कहना है कि बिजली के पीक आवर्स में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का कम उपयोग करके बिजली की खपत कम कर सकते हैं, जिससे बिल भी घट सकता है। इसके साथ ही, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बनने वाली बिजली की मांग भी कम होगी। यदि ग्राहक खपत को बेहतर तरीके से प्रबंधित करेंगे तो वे अपने बिल में 20 प्रतिशत तक कमी ला सकते हैं। प्रदेश में 18 जून की रात 10 से 11 बजे के बीच 35 मिनट तक 30,618 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई, जो अब तक की सबसे अधिक आपूर्ति है। इस दिन की अधिकतम खपत 65.35 करोड़ यूनिट रही।

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