Manipur Violence : मणिपुर में मंत्रियों-विधायकों के घरों पर हमले; CM के घर तक भी पहुंचे

Vikash Kumar Yadav
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Manipur Violence

Manipur Violence: मणिपुर में एक महिला और दो बच्चों के शव मिलने के बाद शुरू प्रदर्शन शनिवार को हिंसक हो गया। मैतेई बहुल इंफाल घाटी में प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के तीन मंत्रियों और छह भाजपा विधायकों के घरों पर हमला किया। उग्र भीड़ ने मंत्री सपम रंजन, एल सुसिंद्रो सिंह, वाई खेमचंद व सीएम बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके ईमो सिंह के घरों को भी निशाना बनाया। देर रात उग्र भीड़ मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के भी आवास तक पहुंच गई।

उग्र प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। हालात बिगड़ते देख पांच जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इस बीच, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है। सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। दरअसल, शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरि और बराक नदियों के संगम के करीब तीन शव मिले थे। संदेह है कि ये उन छह लोगों में तीन के हैं, जिन्हें 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से अपहृत किया था। इसी दिन सुरक्षाबलों ने 10 बंदूकधारी उग्रवादियों को मार डाला था। जबकि कुकी-जो संगठन ने इन 10 लोगों को विलेज गार्ड बताया था। इधर, नदी में शवों की बरामदगी के बाद राज्य सरकार ने ऐहतियातन राजभवन, सीएम आवास, मंत्रियों, विधायकों और सभी दलों के कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी थी।

हालांकि मैतेई संगठन हत्या के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। मानव श्रृंखला बनाकर इंफाल आने वाली सड़कें जाम कर दीं। बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद होने लगे। एनपीपी विधायक शेख नूरुल हसन ने बताया, करीब सौ डेढ़ सौ लोगों की भीड़ मेरे घर आई थी। मैं दिल्ली हूं, मेरा परिवार वहीं है। भीड़ में आए कुछ लोगों से मेरे घर वालों ने बात कराई। उनका कहना था कि जब विधायक-मंत्री मणिपुर संभाल नहीं पा रहे हैं, तो इस्तीफा देना चाहिए। मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। एनपीपी राज्य की भाजपा सरकार में शामिल है।

सुरक्षाबलों को शांति बहाली के लिए निर्देश दिए

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में सुरक्षा परिदृश्य नाजुक है। दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं, जिससे लोगों की जान गई। हिंसक वारदात में शामिल होने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। जांच एनआईए को सौंपी गई है।

6 थाना क्षेत्रों से अफ्स्पा हटाने की मांग

मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर छह थानों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने की मांग की है। केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को जिरीबाम में हिंसा के बाद अफस्पा लगाया था।

सीएम बीरेन सिंह को हटाने के लिए 19 भाजपा विधायकों का पीएम को पत्र…

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग वाले 19 भाजपा विधायकों के पत्र का कुछ हिस्सा शनिवार को मीडिया में लीक हो गया। इस पर राज्य विधानसभा के स्पीकर सत्यव्रत, मंत्री टी. विश्वजीत और वाई खेमचंद के हस्ताक्षर दिख रहे हैं। यह पत्र मंगलवार को दिल्ली में मैतेई, कुकी और नगा विधायकों के बीच हुई पहली बैठक के बाद बुधवार को दिया गया है। इसमें लिखा गया है कि मणिपुर के लोग भाजपा सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि शांति और सामान्य स्थिति क्यों बहाल नहीं हो रही है? राज्य में अराजकता क्यों नहीं थम रही है? पत्र में कहा गया है कि भाजपा समर्थक होने और जनादेश होने के कारण हमें लगता है कि मणिपुर में भाजपा और राज्य दोनों को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार राज्य के मंत्री टी. रवींद्रो, टीएच राधेश्याम और पाओनम ब्रोजेन इस्तीफा सौंप सकते हैं। दूसरी ओर, सीएम ने हालात पर चर्चा के लिए पार्टी के सभी भाजपा विधायकों और मंत्रियों को राजधानी इंफाल बुलाया है.

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