Singrauli News : जिला चिकित्सालय के मुख्य प्रवेश द्वार एवं इमरजेंसी गेट, प्रथम तल से लेकर फस्ट फ्लोर की सीढ़िया बनी पिकदान

Mahima Gupta
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Singrauli News

Singrauli News : जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटरकी साफ-सफाई व्यवस्था बेपटरी पर है। एक ओर जहां जगह-जगह गंदगी है। वही जिला चिकित्सालय परिसर के प्रमुख द्वार से लेकर एमरजेंसी गेट व अस्पताल की सीढ़ियों के इर्दगिर्द अघोषित रूप से पिकदान बना दिया है।

दरअसल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढ़न बेहतर साफ-सफाई क दम पर वर्ष 2022-23 में कायाकल्प योजना के तहत पुरस्कार भी हासिल कर चुका है। किन्तु मौजूदा समय में करीब एक पखवाड़े से साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आलम यह है कि जिला चिकित्सालय के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर इमरजेंसी गेट, फस्ट फ्लोर की सीढ़िया यहां तक कि लिफ्ट के इर्दगिर्द के साथ-साथ अस्पताल का ऐसा कोई कोना अछूता नही है जहां लोगबाग गुटका-पान खाकर थूॅके न हो। मौजूदा अस्पताल परिसर के कई कोना सहित सीढ़ियों तथा अस्पताल के ऊपरी मंजिल में आने-जाने के रास्ते में जगह-जगह गुटका का पाउच व थूूॅक दान से भेंट न हो जाए। यह अपने आप में अचरज वाली बात है। आरोप है कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर के साथ-सफाई का जिम्मा इंदौर की प्रथम नेशनल सिक्योरिटी के पास है। किन्तु उक्त एजेंसी ने साफ-सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है।

दिल्ली-भोपाल से टीम आने पर चमाचम साफ-सफाई

पिछले पखवाड़ा दो दिवसीय दौरे पर संचालक अस्पताल प्रशासन संचालनालय सेवाएं भोपाल डॉ. पंकज जैन टीम के साथ सिंगरौली आए हुये थे। जहां उन्होंने जिला चिकित्सालय के एक-एक वार्डो का अवलोकन कर साफ-सफाई बेहतर रखने के लिए नसीहत भी दिये थे। संचालक के दौरा कार्यक्रम के समय जिला चिकित्सालय परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था देखने लायक था। अस्पताल में उस दौरान आने-जाने वाले मरीज व उनके परिजन यही कहते हुये नजर आ रहे थे कि काश इसी तरह भोपाल एवं दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दौरा होता रहे तो साफ-सफाई व्यवस्था चमाचम रहेगी। लेकिन इन दिनों साफ-सफाई व्यवस्था सब के सामने है।

परिसर में तू तू-मैं मैं की बनती रहती है स्थिति

जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर बैढ़न के सिविल सर्जन का मानना है कि अस्पताल में आने वाले लोग जगह-जगह गुटका-पान खाकर थॅूक दे रहे हैं। सुरक्षाकर्मी व चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य सेवकों के द्वारा लगातार लोगों को समझास भी दी जाती है कि गुटका-पान खाकर रास्ता में न थूॅके। इसके लिए पिकदान रखा गया है। उसका इस्तेमाल करें। फिर भी लोग नही मानते। सूत्र यहां तक बतातें हैं कि निजी सुरक्षाकर्मी कई बार ऐसे व्यक्तिओं को पिकदान में थूूॅकने के लिए सलाह भी देते हैं तो उल्टा तूतू-मैंमैं करने लगते हैं। यदि यहां पुलिस चौकी खुल जाए तो कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।

इनका कहना

बात सच है कि जगह-जगह लोगों के द्वारा गुटका-पान खाकर थूंक दिया जा रहा है। डस्टबीन होने के बावजूद लोग उसका उपयोग नही करते। कई बार ऐसे लोगों को स्वास्थ्य सेवकों एवं निजी सुरक्षाकर्मियों के द्वारा समझाइस भी दी गई। फिर भी लोग नही मानते। अब कैमरे के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। डॉ. देवेन्द्र सिंह, सिविल सर्जन- जिला चिकित्सालय बैढ़न

 

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