Kathua Terror Attack : जिस जम्मू संभाग में सेना ने 20 साल पहले आतंक का सफाया कर दिया था, वहां फिर आतंक बढ़ रहा है। सोमवार को आतंकियों ने कठुआ जिले के मछेड़ी क्षेत्र में सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला बोला। आतंकियों ने पहाड़ी से आर्मी ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंके, फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इसमें ट्रक में सवार सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) समेत 10 जवान घायल हो गए। बाद में इनमें से जेसीओ समेत पांच ने दम तोड़ दिया। पांच अन्य घायल हैं। यह हमला दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में हुई दो मुठभेड़ों के ठीक 24 घंटे बाद हुआ। उनमें 6 आतंकी मारे गए दो जवान शहीद हुए थे।
डीजीपी आरआर स्वैन के मुताबिक हमला दोपहर 3:30 बजे कठुआ से 150 किमी दूर खिलदी मल्हार रोड पर बडनोटा गांव में हुआ। दो या तीन आतंकी भारी हथियारों के साथ आए थे। जवाबी कार्रवाई के लिए जब तक जवान तैयार हुए, आतंकी पास के जंगल में भाग गए। इन्हें ढूंढने के लिए देर रात तक ऑपरेशन चला। बता दें कि बीते एक महीने में कठुआ जिले में यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 12-13 जून को कठुआ में हुए हमले में दो आतंकी मारे गए थे।
एक महीने में पांचवां हमला…
जम्मू संभाग में एक महीने में यह 5वां हमला है। 9 जून को आतंकियों ने रायसी में श्रद्धालुओं से भरी बस पर हमला बोला था, जिसमें 9 लोग मारे गए थे। फिर 12- 13 जून को हमला हुआ। इसके बाद 26 जून को को डोडा जिले के गंडोह क्षेत्र में सेना के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 3 विदेशी आतंकी मार गिराए थे। इसके बाद से ही सेना को हाई अलर्ट पर रखा था। बीते रविवार को राजौरी के मंजकोट में सेना के कैंप पर फायरिंग हुई थी। इनमें एक जवान घायल हुआ था।
मददगारों की संपत्ति जब्त होगी, फांसी तक सजा
सेना ने इस साल के अंत तक जम्मू रीजन से आतंक के सफाए का प्लान तैयार किया है। बीते दिनों गृह मंत्रालय में हुई बैठक के बाद पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ में सक्रिय 30 आतंकियों की लिस्ट बनी है। साथ ही तय हुआ है कि आतंकियों और इनके मददगारों के सफाये के लिए एनीमी एजेंट्स एक्ट अपने मूल रूप में फिर लागू किया जाएगा।
इस अधिनियम में मददगारों की संपत्ति जब्त करने से लेकर उम्रकैद व फांसी तक की सजा का प्रावधान है। इसे 1948 में विदेशी आतंकियों व घुसपैठियों के खात्मे के लिए बनाया गया था। बाद में इसे संशोधन कर कानूनी रूप दिया गया। सजा घटाकर 10 साल की गई। अभी यूएपीए भी लागू है, लेकिन एनिमी एक्ट इससे भी सख्त है। अब इसे मूल रूप में लागू करने की तैयारी है।
इसके अलावा, पुंछ-राजौरी वे गुफाएं भी ध्वस्त की जाएंगी, जहां आतंकी छिपते हैं। कोई भी परिवार बिना पुलिस को सूचना दिए अपने रिश्तेदार को भी घर पर नहीं रुका सकेगा। इन जिलों में आतंकियों का सफाया करने वाले एक्सपर्ट्स तैनात किए जा रहे हैं। बता दें कि पुंछ राजौरी में एक साल में सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए। इनमें 25 आतंकी मारे गए। 20 जवान शहीद हुए।
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