MP News : कुंडीपुरा थाना क्षेत्र के पातालेश्वर से लगे त्रिलोकीनगर में मोबाइल पर गेम खेलना एक बालक के लिए जानलेवा साबित हुआ। बताया जा रहा है कि मोहल्ले में मोबाइल पर गेम खेलते-खेलते बालक घर पहुंचा और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त परिजन घर पर नहीं थे। दसवीं कक्षा के छात्र के आत्महत्या की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। एएसआई मान सिंह बघेल ने बताया कि दसवीं कक्षा में अध्ययनरत 15 वर्षीय भाग्य पिता दिलीप यादव को मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलने की लत थी। सुबह उठते ही वह मोबाइल पर गेम खेलने लग जाता था। रविवार सुबह लगभग 11 से 12 बजे के बीच भाग्य ने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी। घटना के वक्त बड़ी बहन और पिता काम पर गए थे। भाग्य की मां इंदौर में रहकर काम करती है। मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया गया है।
पिता ने मोबाइल चलाने कई बार मना किया
मृतक के पिता दिलीप ने पुलिस को बताया कि बेटे को ऑनलाइन पढ़ाई में मदद मिल सके इस मंशा से मोबाइल खरीदकर दिया था, लेकिन मोबाइल पर गेम खेलने की उसे लत लग गई थी। वह सुबह छह बजे से मोबाइल पर गेम खेलने लगता था। उसे कई बार मोबाइल न चलाने मना करते थे लेकिन वह नहीं माना।
विशेषज्ञों की सलाह… अभिभावक बच्चों पर दें ध्यान
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. तुषार तल्हान का कहना है कि मोबाइल जितना सुविधाजनक है उतना ही नुकसानदायक भी है। मोबाइल पर गेम खेलने की बच्चों को लत लग रही है। कई बार टॉस्क कम्पलीट न होने पर वे अवसाद में चले जाते है। ऐसे में वे आत्मघाती कदम उठाने से भी नहीं चूकते। इसीलिए माता-पिता अपने बच्चों पर ध्यान दें। बच्चों को मोबाइल पर अधिक समय न बिताने दें। उन्हें आउटडोर गेम की आदत डालें।
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