DA hike: केंद्रीय कर्मचारी कई वर्षों से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन केंद्रीय सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं कर रही है, वही पुरानी पेंशन की जगह केंद्र सरकार एनपीएस में कुछ बदलाव करके राहत देने की तैयारी में है। इसके तहत उन्हें लास्ट सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिल सकता है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ आ चुकी है आप सभी को बता दे की पुरानी पेंशन स्क्रीम को लागु तो नहीं किया जाएगा लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में शामिल कर्मचारियों को उनकी लास्ट सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिल सकता है। वहीं केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन स्क्रीम को लागू करने के लिए कह रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं है, पुरानी पेंशन स्कीम के जगह पर केंद्रीय कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने का आश्वासन देना चाहती है। 2004 से भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू की गई है। इसमें 25-30 साल तक निवेश करने वालों के लिए हाई रिटर्न दिया जा रहा है।
निर्मला सीतारमण ने कहीं यह बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की घोषणा के बाद वित्त सचिव टी वी सोमनाथन (Finance Secretary TV Somanathan) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। हालांकि केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) पर वापसी से इनकार कर दिया है, लेकिन इसमें कुछ राहत देने की संभावना बनाए रखी है।
ओपीएस (ops) में जीवनभर पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का आधा हिस्सा मिलता था। साथ ही वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप पेंशन में बढ़ोतरी की जाती थी। इसके उलट एनपीएस (nps) एक कंट्रीब्यूशन स्कीम (Contribution Scheme) है। इसमें सरकारी कर्मचारी (Government employee) अपने मूल वेतन का 10% योगदान देता है जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 14% योगदान दिया जाता है।
ओपीएस बहाल करने की चल रही है बात
सोमनाथन समिति (somanathan committee) ने वैश्विक अनुभव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार (Andhra Pradesh Government) द्वारा किए गए बदलावों के परिणामों को भी देखा है। साथ ही इसने सुनिश्चित रिटर्न (assured returns) प्रदान करने के प्रभाव का आकलन करने के लिए व्यापक गणना भी की है। हालांकि केंद्र के लिए 40-45% गारंटी देना संभव है लेकिन राजनीतिक रूप से इस कर्मचारियों की चिंता दूर नहीं होती है। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस सत्ता (congress power) में आने पर ओपीएस बहाल करने की बात कह रही है। यही वजह है कि सरकार 50% गारंटी देने पर विचार कर सकती है। इसका मतलब है कि रिटर्न में कमी की स्थिति में सरकार अंतर को पूरा करेगी।
इसका मतलब यह है कि एक सालाना अनुमान भी लगाना होगा क्योंकि समिति के कई सदस्यों का मानना है कि सरकारी पेंशन प्रणाली (government pension system) के विपरीत केंद्र के पास सेवानिवृत्ति निधि नहीं है। संभावना है कि केंद्र इस बार भी एक कोष बनाएगा जिसमें पैसा अलग से रखा जाएगा। यह फंड उन कंपनियों की तरह होगा जो अपने कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ देती हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो लोग 25-30 वर्षों तक नौकरी में बने रहते हैं, उन्हें ओपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन के बराबर पर्याप्त लाभ मिल रहा है। कम भुगतान की शिकायतें केवल उन लोगों से आ रही हैं, जो 20 वर्ष या उससे कम सेवा पूरी करने के बाद अब तक इस योजना से बाहर निकल चुके हैं।
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