Mirzapur News: मिर्जापुर में एक बड़े चोरी के मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने राम जानकी मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति चोरी करने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव (युवजन सभा) राम बहादुर पाल सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने स्थानीय जनता को हैरान कर दिया, क्योंकि मूर्तियां मंदिर में कई सौ सालों से लगी हुई थीं।
मामला पडरी थाना क्षेत्र के कठिनई गांव का है, जहां स्थित श्री राम मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता जानकी की अष्टधातु की मूर्तियां रखी हुई थीं। इन मूर्तियों की चोरी 14 जनवरी, 2025 को हुई थी। मंदिर में यह मूर्तियां सैकड़ों सालों से विराजमान थीं, जिन्हें धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था।
चोरी की घटना के बाद मंदिर के महंत बंसीदास उर्फ बंसीबाबा ने 14 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच शुरू की। पुलिस के उच्च अधिकारियों ने मामले की जानकारी लेते हुए इसे प्राथमिकता दी।
पुलिस की जांच में पता चला कि सपा नेता राम बहादुर पाल और मंदिर के महंत बंसीदास उर्फ बंसीबाबा मिलकर यह चोरी की घटना अंजाम दे चुके थे। उनके साथ कुल चार आरोपी थे, जिनमें मंदिर से मूर्तियां चुराने में मुख्य भूमिका निभाई गई।
एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने 17 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके कब्जे से चोरी हुई अष्टधातु की मूर्तियां भी बरामद कर ली गई हैं। एएसपी सिंह ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील था, क्योंकि चोरी की गई मूर्तियां धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती थीं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी सपा नेता राम बहादुर पाल और महंत बंसीदास उर्फ बंसीबाबा ने मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया। उन्होंने मूर्तियों को चोरी कर कहीं बाहर बेचने की योजना बनाई थी। इसके लिए दोनों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे की जांच की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि भगवान श्रीराम की मूर्तियों की चोरी न केवल एक धार्मिक अपराध है, बल्कि यह पूरे गांव और समाज के लिए एक बड़ा धक्का है। ग्रामीणों ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग की।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उन पर चोरी, धार्मिक स्थल की अवमानना और अन्य आरोप लगाए गए हैं। एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस चोरी के पीछे के सभी तथ्यों का पता चल सके और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
इस घटना के बाद मिर्जापुर में धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय प्रशासन ने जल्द ही मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।