Singrauli News : मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के द्वारा सिंगरौली जिले के वनमंडल वैढ़न के बीट गडरिया स्थित काचन डेम में स्कूली विद्यार्थियों के लिए एक विशेष “अनुभूति कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गडरिया के कुल 126 विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों ने भाग लिया। यह आयोजन प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इलाके में हुआ, जहां विद्यार्थियों को पर्यावरण, वन, और वन्यजीवों के बारे में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम स्थल काचन डेम का वातावरण बहुत ही रमणीय था। घने वृक्षों और हरे-भरे वातावरण में विद्यार्थियों को प्रशिक्षकों के साथ वन भ्रमण का अवसर मिला। इस दौरान विद्यार्थियों ने वन के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया और पर्यावरण के महत्व को समझा। वन विभाग के प्रशिक्षकों ने विद्यार्थियों को क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से वन और वन्यजीवों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी। यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए बहुत रोचक और ज्ञानवर्धक साबित हुई।
कार्यक्रम में वन की सुंदरता, विशालता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी बताया गया। प्रशिक्षकों और वन अधिकारियों ने उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि हम सभी को अपने आसपास के जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा करनी चाहिए।
कार्यक्रम का आयोजन श्री भीमसेन साकेत, वन परिक्षेत्राधिकारी वैढ़न के मार्गदर्शन में हुआ। उनके नेतृत्व में श्री सुरेश सिंह मरकाम (परिक्षेत्र सहायक), श्री महेन्द्र कुमार तिवारी (वनरक्षक), श्री सुशील कुमार बुनकर (वनपाल), श्री सर्वेश तिवारी (वनरक्षक), श्री विपिन कुमार पण्डेय (वनरक्षक), श्री संजीव कुमार शुक्ला (वनरक्षक), और मो. समसाद (वनरक्षक) ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया और उन्हें प्रमाणपत्र वितरित किए।
कार्यक्रम में विशेष ध्यान दिया गया कि पर्यावरण की रक्षा की जाए। इसके तहत, कार्यकम स्थल पर किसी भी प्रकार के प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया। भोजन की व्यवस्था धातु के बर्तनों में की गई, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित था। विद्यार्थियों, प्रशिक्षकों और उपस्थित सभी लोगों को भोजन परोसा गया।
कार्यक्रम के अंत में, विद्यार्थियों को “हम है बदलाव” थीम पर आधारित एक शपथ दिलाई गई। इस शपथ के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी का एहसास कराया गया। सभी बच्चों ने हर्षोल्लास के साथ शपथ ली और कार्यक्रम का समापन किया।
कार्यक्रम स्थल के बाद, बच्चों को बस द्वारा सुरक्षित रूप से उनके विद्यालय और घर तक पहुंचाया गया। कार्यक्रम के अंत में वन विभाग ने सभी स्थानों से कचरा एकत्र किया और उसे जलाकर नष्ट किया।
दिनभर के इस कार्यक्रम के बाद, जब बच्चे और प्रशिक्षक वन विभाग के वाहन से लौट रहे थे, तो उनके चेहरे पर मुस्कान और वन व पर्यावरण के प्रति प्रेमभाव साफ दिखाई दे रहा था। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे आगे चलकर पर्यावरण की रक्षा में सक्रिय रूप से योगदान देंगे।
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