Bhopal News : संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से सावित्री शक्तिपीठ सेवा समिति के नाट्य समारोह में “मेरे बाद” नाटक की शानदार प्रस्तुति

Vikash Kumar Yadav
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Bhopal News

Bhopal News : संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से सावित्री शक्तिपीठ सेवा समिति द्वारा आयोजित चार दिवसीय नाट्य समारोह का आज शुक्रवार को “मेरे बाद” नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक की प्रस्तुति उदगम समाज कल्याण समिति ने दी।

यह नाटक कमाता प्रसाद की कहानी “सक्रमण” का नाटकीय रूपांतरण है। इसे स्व. तारिक दाद ने निर्देशित किया था। तारिक दाद के निधन के बाद, यह नाटक “मेरे बाद” की दूसरी प्रस्तुति थी। इस बार, नाटक में भोपाल के वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील राज ने पिता के किरदार को निभाया।

नाटक की कहानी मध्यम वर्गीय परिवार के पिता और पुत्र के रिश्ते को दर्शाती है। यह दर्शाता है कि पिता का हमेशा यही सपना होता है कि उनका पुत्र उनके मार्ग पर चले, लेकिन पुत्र अक्सर इसे पुरानी सोच मानकर नकारता है। नाटक में जब पुत्र खुद उम्र की उस दहलीज पर पहुंचता है, तो वही बातें और वही सोच उसे खुद दोहरानी पड़ती हैं, जिसे उसने पहले नकारा था। यह कहानी न केवल रिश्तों की विडम्बनाओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जीवन के अनुभव ही व्यक्ति को सिखाते हैं।

इस नाटक में तीन मुख्य पात्र हैं। सुनील राज ने पिता का पात्र निभाया, जबकि आरती विश्वकर्मा ने मां का किरदार निभाया। बेटे की भूमिका अजय श्रीवास्तव ने निभाई। इन तीनों कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत बना दिया।

नाटक की खासियत यह है कि इसके पात्र अपनी विडम्बना को अकेले मंच पर बताने का काम करते हैं। इस नाटक का हर एक दृश्य और संवाद दर्शकों को रिश्तों की जटिलताओं को समझाने में मदद करता है। दर्शक हर पात्र के विचारों और उनके अंतर्द्वंद्व को महसूस कर सकते हैं।

मंच निर्माण में आर्शीवाद झा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही, उद्देश्य यादव ने सहायक भूमिका निभाई। नाटक के संगीत में रिया सिंह का योगदान रहा। प्रॉपर्टी की जिम्मेदारी अम्बर अली ने संभाली, जबकि वेश-भूषा की जिम्मेदारी सुलक्षणा पटेल ने निभाई। रूप सज्जा का काम नरेंद्र सिंह राजपूत ने किया। प्रकाश परिकल्पना आशीर्वाद झा ने की, और संगीत संचालन की जिम्मेदारी रिया ने संभाली।

इस नाट्य समारोह में “मेरे बाद” नाटक के बाद कल समांतर नाट्य संस्था का नाटक “तारतूफ” शाम 7 बजे से मंचित किया जाएगा। यह नाटक हास्य प्रधान होगा।

इस कार्यक्रम में भाग लेकर दर्शकों ने न केवल नाटक का आनंद लिया, बल्कि इसे लेकर गहरे विचार भी किए। नाटक के माध्यम से रिश्तों की जटिलताओं और जीवन के वास्तविक अनुभवों को समझने का मौका मिला। यह समारोह नाट्य कला के प्रति शहरवासियों की रुचि को और भी बढ़ाएगा।

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