आईपीसी में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं ही हैं। आपराधिक कानून में बदलाव के साथ ही इसमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदला गया है। जीरो एफआईआर, ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, एसएमएस या ईमेल से समन भेजने और जघन्य अपराध की वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान अनिवार्य किए गए हैं।
मप्र में सभी पुलिस कर्मियों को दी जा चुकी ट्रेनिंग
सभी पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लेकिन राज्य के सभी 27 हजार आईओ को टैबलेट- फोन (हार्डवेयर) अभी नहीं दिया गया है। महिला आईओ की फिलहाल पर्याप्त संख्या नहीं।
आज पुलिस के सभी थानों, कॉलेज-यूनिवर्सिटी में होंगी विशेष कार्यशालाएं
तीनों नए कानूनों को लेकर सोमवार को देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सभी थानों में आमजन की जागरुकता के लिए कई कार्यक्रम होंगे। यूजीसी की ओर से देश के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विशेष कार्यशालाओं का आयोजन कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। यहां ग्रुप डिस्कशन, सेमिनार और क्विज भी रखी जाएंगी। इसमें छात्रों और कानूनविदों को आमंत्रित किया गया। है। उधर, दिल्ली बार एसोसिएशन ने नए कानूनों को लागू करने का विरोध रोध किया है। संगठन का कहना है कि नए कानून के तहत पुलिस रिमांड को बढ़ाए जाने का प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसलों के विरुद्ध है.